वैदिक ज्योतिष में तीसरे घर में शनि की खोज
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कुंडली के छठे भाव में सूर्य की महत्ता जातक को सकुशलता और सुरक्षा प्रदान करती है
कुंडली के पहले भाव में बुध की महत्ता
कुंडली के प्रथम या लग्न भाव में बृहस्पति की महत्ता
एकादश भाव में सूर्य – कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य की महत्ता जातक को धन का लाभ देती है
कुंडली के आठवें भाव में सूर्य की महत्ता जातक को कम संवेदनशील, अधिक मिलनसार बनाती है
मेष
(अ, ल, ई)
वृषभ
(ब, व, उ)
मिथुन
(क, छ, घ)
कर्क
(ड , ह)
सिह
(म, ट)
कन्या
(प, ठ, ण)
तुला
(र, त)
वृश्चिक
(न, य)
धनु
(भ, ध, फ, ढ)
मकर
(ख, ज)
कुम्भ
(ग, स, श, ष, ज्ञ)
मीन
(द, च, थ, झ)