प्रथम भाव / लग्न में सूर्य और केतु की युति: वैदिक ज्योतिष
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कुंडली के पांचवें भाव में सूर्य की महत्ता, जातक को रचनात्मक और भावबोधक बनाती है
चंद्रमा की महत्ता और लक्षण: कुंडली के बारहवें भाव में
मेष
(अ, ल, ई)
वृषभ
(ब, व, उ)
मिथुन
(क, छ, घ)
कर्क
(ड , ह)
सिह
(म, ट)
कन्या
(प, ठ, ण)
तुला
(र, त)
वृश्चिक
(न, य)
धनु
(भ, ध, फ, ढ)
मकर
(ख, ज)
कुम्भ
(ग, स, श, ष, ज्ञ)
मीन
(द, च, थ, झ)