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झाझरिया की प्रबल एकाग्रता शक्ति के पीछे ग्रहों की भूमिका अहम …कहते हैं गणेशजी!

झाझरिया की प्रबल एकाग्रता शक्ति के पीछे ग्रहों की भूमिका अहम ...कहते हैं गणेशजी!

मन में केवल जीत का जज्बा लिए भारत के देवेंद्र झाझरिया ने रियो पैरालिम्पिक्स में भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मैडल जीत कर सारी दुनिया के समक्ष एक नया कीर्तमान रच दिया है। देवेंद्र ने अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़कर ये उपलब्धि हासिल की। ज्ञातव्य है कि इन्होंने इससे पूर्व वर्ष2004 के एथेंस पैरालम्पिक में 62.15 मीटर का रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक जीता था। राजस्थान के देवेंद्र झाझरिया ने महज आठ साल की उम्र में ये एक पेड़ पर चढ़ते समय बिजली के तारों की चपेट में आ गए। इस दुर्घटना में इन्हें अपना बायां हाथ गंवाना पड़ा। देवेंद्र का हाथ कटा, लेकिन इनका मनोबल नहीं टूटा। इन्होंने अपनी कमी को ही अपना सबसे बड़ा हथियार बना डाला। खेलों में अपनी जबरदस्त रुचि के कारण स्कूली दिनों में खेल दिवस के अवसर पर भाला फेंक प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। यहीं द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच आरडी सिंह की इन पर दृष्टि पड़ी। सिंह ने इनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर इन्हें आगे की कोचिंग देनी शुरू की और आगे की कहानी हम सभी को पता ही है। भारतीय रेलवे के पूर्व कर्मचारी रहे देवेंद्र झाझरिया अब स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ कार्यरत हैं। झाझरिया की सूर्य कुंडली का गौर से अध्ययन करते हुए गणेशजी को इनकी जीत से जुड़े कुछ अनछुए पहलू ज्ञात हुए हैं, चलिए देखते है वे रहस्य क्या हैं-

देवेंद्र झाझरिया
जन्म तिथि: 10 जून, 1981
जन्म समय: ज्ञात नहीं
जन्म स्थान:चुरू जिला, राजस्थान, भारत

देवेंद्र झाझरिया की सूर्य कुंडली

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भारतीय एथलीट देवेंद्र झाझरिया की सूर्य कुंडली में सूर्य आत्मकारक है और यह वृष राशि में मंगल के साथ स्थित है। सूर्य का मंगल के साथ होना यह बताता है कि इनमे बहुत अधिक हिम्मत और हौसला है। इनके द्वारा पाया गया मुकाम यह सिद्ध करता है कि ये किसी भी मायने में कमजोर नहीं है। इनमें निराशा व तानों पर विजय पाने की आंतरिक शक्ति होने के साथ-साथ लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की क्षमता भी मौजूद है। सूर्य-मंगल की शक्तिशाली युति पदक हासिल करने के मजबूत संकल्प और लक्ष्य पर निरंतर आँखें गड़ाए रखने की द्योतक है।

“स्टेडियम के हल्ले-गुल्लों के बीच गोल्ड मैडल जीतने के नारों का गूंजना बड़े से बड़े खिलाड़ियों को भी स्तब्ध कर देता है।”

– गणेशजी का कहना है कि लेकिन, कन्या राशि में चंद्र-गुरू-शनि की युति दबावपूर्ण स्थितियों को कुशलता से संभालने की क्षमता प्रदान करती है।
इन्हें उद्‍घाटन समारोह में भारत के लिए ध्वज-वाहक के रूप में चुना गया। लोगों को आशा थी कि ये भारतीय अभियान का नेतृत्व करते हुए सभी के लिए रोल माॅडल साबित होंगे। कुंडली में सूर्य एवं बृहस्पति की युति जिम्मेदारी के प्रतीक गंभीर भावना का प्रतीक है। ये अपनी शानदार उपलब्धियों से दूसरों के लिए प्रेरणास्वरूप रहेंगे।

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कुुंडली के अनुसार, इनके जन्मकालीन चंद्र से दशम भाव में शुक्र व बुध की युति इन्हें बल प्रदान कर रही है। इन दोनों के मेल ने इन्हें प्रसिद्धि दिलाई।

जुझारू भालाफेंक खिलाड़ी देवेंद्र की कुंडली में गोचर का गुरू वर्तमान में कन्या राशि में ग्रहों के समूहों के ऊपर से गोचर हो रहा है। “ज्यूपिटर रिटर्न फेज“ और गोचर के गुरू की आत्मकारक सूर्य के ऊपर दृष्टि ने इन्हें गोल्ड मैडल जीतने में सहायता की। आज हम सभी भारतवासी रियो पैरालम्पिक खेलों में इनके असाधारण प्रदर्शन पर गौरवान्वित महसूस करते हैं।
भारत मां के इस सच्चे सपूत को गणेशजी का आर्शीवाद

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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
तन्मय के ठाकर
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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