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जानें नीतीश कुमार की कुंडली 2019 लोकसभा चुनाव के लिए क्या कहती है

जानें नीतीश कुमार की कुंडली 2019 लोकसभा चुनाव के लिए क्या कहती है

अधिक सीटें जीतने के बावजूद परेशान रहेंगे नीतीश कुमार

भारत में लोकसभा चुनाव की सुगबुहाट के बीच राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और सभी राजनीतिक दलों के नेता इसमें शामिल हो गए हैं। यहां हम बात करेंगे, जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की। नीतीश कुमार को अवसरवादी नेता के तौर पर भी जाना जाता है। पिछला चुनाव उन्होंने भाजपा से अलग होकर राजद और अन्य दलों के साथ मिलकर लड़ा था, तो इस बार एक बार फिर से वे भाजपा के साथ हैं। अागामी लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की ग्रहीय स्थितियां कैसी होंगी और वे कितने सफल होंगे, हम ज्योतिषीय विश्लेषण के जरिए इसे जानने का प्रयास करेंगे।

कुंडली में बैठे सूर्य, गुरू और बुध क्या खिलाएंगे गुल

नीतीश कुमार दलितों के नेता माने जाते हैं और उनकी ही वकालत करते हैं। एक बार फिर से उन्होंने एससी-एसटी के लिए अारक्षण की तय सीमा में बढ़ोतरी की जरूरत बताई है। हालांकि यह बहस का विषय है और यहां चर्चा अागामी लोकसभा चुनाव की हो रही है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार 3 मार्च को पटना में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मंच साझा करेंगे। वर्तमान में नीतीश कुमार की कुंडली के 9 वें भाव में सूर्य और बृहस्पति के साथ बुध भी बैठे हैं, ऐसे में अागामी चुनाव में नीतीश कुमार के सितारे क्या गुल खिलाएंगे, इसका यहां हम ज्योतिषीय विश्लेषण करेंगे।

नीतीश कुमार की कुंडली

जन्म – 01 मार्च, 1951
जन्म का समय – 13:20 (अपुष्ट)
जन्म स्थान – बख्तियारपुर, बिहार

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शनि और बुध बना रहे हैं राजयोग

नीतीश कुमार की कुंडली के विश्लेषण से पता चलता है कि उनकी कुंडली के 9 वें भाव यानी भाग्य के घर में सूर्य और बृहस्पति के साथ बुध स्थित हैं। ग्रहों का यह योग उन्हें शानदार संचार कौशल और सामूहिक अपील वाला एक करिश्माई नेता बनाता है। इतना ही नहीं यह उन्हें एक अच्छा रणनीतिकार भी बनाता है। इसी के साथ ही 9 वें भाव के स्वामी शनि और चौथे भाव के स्वामी बुध के बीच राशि परिवर्तन करके एक “राजयोग” बना रहा है। यह उनके चार्ट में बहुत मजबूत ग्रह विन्यास है, जो जातक को शासन में सफलता, प्रसिद्धि और उच्च पद देता है।

चुनाव 2019 ; में रहेगा उतार-चढ़ाव

यही नहीं उच्च का शुक्र 10 वें घर में है, जो एक नेता के रूप में नीतीश कुमार के लिए एक और सकारात्मक कारक है। यह उन्हें असाधारण नेता बनाता है जो हमेशा प्रेरित होता है और अपने कारणों से उत्साहित होता है। हालांकि, शुक्र मंगल से पीड़ित है, इसलिए उनकी राजनीतिक यात्रा में उतार-चढ़ाव का अनुभव होगा। वैसे 10 वें घर का स्वामी बृहस्पति 9 वें घर में स्थित है, जिसने उन्हें एक अच्छा प्रशासक और एक प्रभावशाली राजनीतिज्ञ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

राष्ट्रीय मंच तक पहुंचेंगे नीतीश कुमार

अगर वर्तमान की बात करें तो इस वक्त वे राहु महादशा और शनि भुक्ति के प्रभाव में है। लोकसभा चुनाव के समय वे राहु-शनि-राहु दशा अनुक्रम के प्रभाव में होंगे। वैसे, शनि चार्ट में एक राजयोग में शामिल है, ऐसे में उनके लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना है। वे अच्छी तरह से तैयार होकर और अधिकतम आत्मविश्वास के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे। वे मतदाताओं की भवनाओं का तार छूने में सक्षम होंगे और उनके महत्व और प्रमुखता को न केवल राज्य की राजनीति में, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी महसूस किया जाएगा।

राहु और शनि पैदा करेंगे परेशानी

लेकिन, राहु और शनि एक-दूसरे से 6/8 स्थान पर स्थित हैं, इसलिए उन्हें कड़े विरोध का सामना करने की भी संभावना है। साथ ही, सहयोगियों के साथ उनका समन्वय कमजोर होगा और उनके बीच कई मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं। इतना ही नहीं उनकी अपनी पार्टी के भीतर की राजनीति भी उन्हें परेशान कर सकती है। हालांकि, 7 जून 2019 के बाद की अवधि उन्हें और अधिक शक्ति प्रदान करेगी और उनकी राजनीतिक स्थिति को बढ़ाएगी, लेकिन इसमें भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उन्हें अपने सहयोगी दलों के साथ काम करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इतना ही नहीं वे अपनी स्वास्थ्य समस्या के साथ ही संगठन की अांतरिक समस्याओं के लेकर भी चिंतित रहेंगे।

आचार्य भारद्वाज के इनपुट के साथ गणेशास्पीक्स डॉट कॉम/हिंदी

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