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लोकेश नायडू पर गणेशजी की भविष्यवाणियां: जानें क्या कहते है सितारे

लोकेश नायडू पर गणेशजी की भविष्यवाणियां: जानें क्या कहते है सितारे

आंध्रप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के भाग्य ने कर्इ उतार-चढ़ाव देखे है। इससे पहले उन्हें एक डवलपमेंट सुपरहीरो के रूप में पहचान मिली, इन्होंने अपनी सोच आैर प्रयासों से आधुनिक आंध्रप्रदेश का चेहरा बदल दिया था। चंद्रबाबू की पार्टी टीडीपी को 2004 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा आैर इस के बाद वे दस साल तक सत्ता से बाहर रहे। हालांकि, आंध्रप्रदेश के विभाजन के बाद वे 2014 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर वापिस सत्ता में लौट आए आैर विभाजन के बाद आंध्रप्रदेश के पहले सीएम बनें।

इस तरह राजनीति में भले ही चंद्रबाबू नायडू आंध्रप्रदेश की राजनीति में एक लोकप्रिय नेता हो, लेकिन जब से उन्होंने अपने बेटे नारा लोकेश नायडू को कैबिनेट मंत्री बनाया है, तभी से सभी की निगाहें उन्हीं पर टिकी है। नारा लोकेश वर्ष 2013 में टीडीपी में शामिल हुए थे आैर वर्तमान में वे आंध्रा विधानसभा में सूचना प्रौद्योगिकी, पंचायती राज आैर ग्रामीण विकास के कैबिनेट मंत्री है। लेकिन आप अपने कैरियर के बारे में क्या सोचते है ? इसके बारे में जानें कैरियर संभावना रिपोर्ट से।

लोकेश नायडूः इन्हें एक शानदार विरासत मिली है
विरासत से, लोकेश नायडू एक आैसत राजनीतिज्ञ से ऊपर है। जो कर्इ वर्षों तक आंध्रप्रदेश के सीएम रहे चंद्रबाबू नायडू के पुत्र आैर नामी राजनेता एन टी रामाराव के पोते है। आंध्र विधानसभा में कैबिनेट मंत्री होने के अलावा टीडीपी की यूथ विंग के प्रमुख है। इन मापदंडों ने इन्हें उच्च स्थान पर पहुंचाया है।

कर्इ एेसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए है जिसमें लोकेश नायडू काे काफी श्रेय मिला। उन्होंने 2009 के चुनावों में टीडीपी को अपने घोषणापत्र के लिए केस ट्रांसफर स्कीम का विकास करने में मदद की। टीडीपी के इस प्रस्ताव की पहले तो कांग्रेस ने आलोचना की, लेकिन बाद में लोकेश नायडू ने जनवरी 2013 में दावा किया था कि राहुल गांधी आैर कांग्रेस पार्टी ने बाद प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरत प्रणाली का विकास टीडीपी प्रस्ताव से प्राप्त किया था। इतनी कम उम्र में इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपने के बाद सभी के मन में यही सवाल चल रहा है कि क्या वे चंद्रबाबू की तरह जनता के दिलों में अपनी एक अलग छाप छोड़ पाएंगे, क्या जो उम्मीदें उनसे की जा रही है उस पर वे खरा उतरेंगे , आइए इसका जवाब गणेशजी से जानते हैः

लोकेश नायडू: नक्षत्रीय पैरामीटर
सवालः ग्रहों के मूवमेंट के अनुसार, टीडीपी में लोकेश नायडू का नेतृत्व कैसे होगा, उनका राजनीतिक भविष्य कैसा होगा ? क्या वे 2019 के चुनावों में सफलता दिला पाएंगे ?दिए गए समय के अनुसार, ये भविष्यवाणियां केपी पद्घति पर आधारित है। होरारी नंबर: 87 (between 1 and 249)के पी अयानम्सा ( उष्णकटिबंधीय (सायना) आैर नक्षत्र के बीच (निरयाना) के राशिचक्र के बीच लंबवत अंतर ): 24.0.29

लोकेश नायडूः राजनीति में सफल होने के लिए ग्रहों का प्रभाव
यदि दसवें भाव का उप-स्वामी 10th(पहचान), 3rd (क्षमता), 11th (सफल व्यक्ति के रूप में पहचान) के भाव का कारक हो आैर अगर ये स्थिति भुक्ति अंतारा के तहत हो, तो इसका अर्थ है राजनीति में सफलता। वहीं लोकेश की कुंडली में गुरू दूसरे भाव में है आैर पांचवें आैर आठवें भाव का स्वामी है।

लोकेश नायडू के दसवें भाव का कस्प दसवें भाव का कारक है, तो इसका मतलब राजनीति में अच्छा समय है। इस प्रकार, आंध्रप्रदेश की राजनीति में लोकेश नायडू की महत्वपूर्ण स्थिति यहां रहने के लिए है यानि राजनीति में उनकी पकड़ रहेगी। वे अपने प्रभाव का आनंद लेते रहेंगे आैर अपने कौशल के निर्माण पर काम करेंगे। आपकी अपने बिजनेस से क्या उम्मीदें है? पाए 2017 बिजनेस रिपोर्ट आैर अपने वांछित लक्ष्य प्राप्त करें।

लोकेश नायडूः सितारे सशक्त प्रतिद्वंदियों के संकेत देते है
राहु दसवें भाव के कस्प के उप-स्वामी है। राहु सातवें भाव में विराजमान है आैर राहु मंगल ग्रह काे द्योतित करता है आैर मंगल चौथे भाव में स्थित है, जो कि तीसरे आैर दसवें भाव का स्वामी है। राहु केतु के क्षेत्र में है। केतु पहले भाव में स्थित है आैर ये शनि का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं शनि ग्यारवें भाव में स्थित है आैर पहले व दूसरे भाव का स्वामी है। शनि के क्षेत्र में कोर्इ ग्रह नहीं है इसलिए शनि छठें आैर बारहवें कस्प का कारक है।

दसवें कस्प का उप-स्वामी राहु 10th(पहचान), 3rd (क्षमता), 11th (सफल व्यक्ति के रूप में पहचान) के भाव का कारक बनता है, इस प्रकार लोकेश के प्रतिद्वंदी राजनीति में पहचान प्राप्त कर सकते है। क्या आप अपने वित्त की संभावनाआें को लेकर चिंतित है ? तो अपने लिए अनुकूल आैर प्रतिकूल समय जानने के लिए पाए 2017 वित्त रिपोर्ट।

लोकेश नायडूः गणेशजी का आलोकन
क्यूंकि लोकेश की कुंडली में दसवें कस्प गुरू का उप-स्वामी अपने दसवें भाव का कारक है, इस कारण लोकेश राजनीति में सम्मान आैर पहचान प्राप्त करेंगे। साथ ही उनके प्रतिद्वंदी भी राजनीति में पहचान बनाए रखेंगे।

वहीं, जिस तरह उनके प्रतिद्वंदियों के दसवें कस्प का उप-स्वामी तीन भावों का कारक है इस कारण लोकेश नायडू के प्रतिद्वंदी उनसे से ज्यादा मजबूत स्थिति में है।

इस तरह गणेशजी के अनुसार 21 दिसम्बर 2017 तक की अवधि लोकेश नायडू के लिए अच्छी रहेगी। हालांकि इसके बाद की अवधि में, वर्ष 2019 को मिलाकर यानि चुनाव का समय में उनकी जिंदगी में सफलता मिलती नहीं दिख रही आैर उनसे ज्यादा उनके प्रतिद्वंदी मजबूत स्थिति में होंगे।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
संघप्रिय सदानशिवकर (संगमजी)
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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