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सबसे सटिक भविष्यवाणी: कौन जीतेगा लोकसभा चुनाव 2019 नरेंद्र मोदी या राहुल गांधी

सबसे सटिक भविष्यवाणी: कौन जीतेगा लोकसभा चुनाव 2019 नरेंद्र मोदी या राहुल गांधी

लोकसभा चुनाव 2019 में फिर मोदी सरकार या अबकी बार कांग्रेस जैसी चर्चाएं घर-घर में हो रही है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाकर जनता के बीच है, तो वहीं कांग्रेस नोटबंदी और जीएसटी की खामियां बताकर वोट मांगने की जुगत भिड़ा रही है। बहरहाल, आकाशीय ग्रहों की स्थिति भारत में आम चुनाव 2019 के परिणाम को लेकर क्या कहते हैं, आइए जानते हैं-

चुनाव परिणाम यानी 23 मई का चार्ट

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हाल ही घटित प्रमुख ग्रहीय घटनाएं

23 मार्च -राहु ने मिथुन राशि में प्रवेश किया29 मार्च – बृहस्पति ने धनु राशि में प्रवेश किया10 अप्रेल – बृहस्पति वक्री होगा22 अप्रेल – बृहस्पति का वक्री गति में फिर से वृश्चिक राशि में प्रवेश30 अप्रेल – शनि वक्री होगा7 मई – मंगल मिथुन राशि में प्रवेश करेगा वहां पहले से ही राहु विराजमान है।और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि शनि और केतु एक-दूसरे के बेहद करीब होंगे।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इस तरह की महत्वपूर्ण ग्रहीय घटनाएं केवल डेढ़ महीने के काफी कम अंतराल में हो रही हैं, जो संयोगवश भारतीय आम चुनाव 2019 के दौरान ही हैं। इसलिए, यह चुनाव हमारे पूरे देश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण होगा। इस चुनाव परिणाम का भी भारत पर लंबे समय तक प्रभाव रहेगा। भारत इस दौरान सबसे महत्वपूर्ण मोड़ पर है।

सरकार को होगा थोड़ा नुकसान

बृहस्पति का पारगमन बहुत महत्व रखता है। भारत के फाउंडेशन चार्ट में बृहस्पति 8 वें घर (प्रतिकूलताओं का घर) का स्वामी है। जैसा कि बृहस्पति न तो 10 वें घर से जुड़ा है और न ही शनि के साथ। यह स्थिति सत्तासीन सरकार को आगे बनाए रखने का अच्छा मौका देती है। स्थिर सरकार के लिए लग्न के स्वामी का मजबूत होना आवश्यक है। हालांकि परिणाम की तारीख को शुक्र 12 वें घर से गुजर रहा है, जो कि सरकार के लिए अनुकूल नहीं है।

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एक्स फैक्टर- शनि-केतु की युति से फायदा भी

मजबूत राहु और शनि मजबूत और स्थिर सरकार प्रदान करते हैं। राहु उच्च का है, इसलिए बहुत शक्तिशाली है, लेकिन, 8 वें घर में शनि कमजोरी का संकेत देता है। यह सरकार के हित के लिए हानिकारक है। हालांकि, शनि की वक्री दृष्टि उसके विपरीत प्रभाव को उलट सकता है। सबसे महत्वपूर्ण कारक शनि है, जो परिणाम के दिन केतु के साथ बहुत निकट होगा और यह एक काफी जटिल ग्रहीय स्थिति हो सकती है। यह इस चुनाव में एक निर्णायक कारक होगा। यह लोकसभा चुनाव 2019 में अप्रत्याशित, आश्चर्यजनक या चौंकाने वाले परिणाम दिखाता है। वृश्चिक में शनि और केतु की करीबी युति ने 1984 में राजीव गांधी को शानदार जीत दिलाई थी। दूसरी तरफ, मीन राशि में शनि-केतु की युति ने 1996 में इसे खंडित जनादेश में बदल दिया। हालांकि, यह एक करीबी संयोजन नहीं था। लिहाजा, लोकसभा चुनाव 2019 में शनि कइयों को परेशान कर सकता है।

मोदी सरकार को मिलेगा बहुमत !!

हालांकि, शनि-केतु की युति त्रिशंकु संसद का भी संकेत देती है, मेरा मानना है कि शनि-केतु के घनिष्ठ संयोजन से मोदी सरकार को अच्छे बहुमत के साथ वापसी करने में मदद मिलेगी। एक्स फैक्टर (वक्री शनि-केतु युति) भी एनडीए को वर्तमान जनादेश को पार करने में मदद कर सकता है। राजग के पास सत्ता को बनाए रखने का निश्चित मौका है।

h2 परिणाम दिनांक पर जटिल ग्रहों का संयोजनइसके साथ ही चुनाव परिणाम की तिथि पर चंद्रमा का गोचर शनि और केतु के साथ करीबी युति बनाएगा। इस पर मंगल की सीधी दृष्टि होगी। ऐसे में चुनाव के नतीजों को समझ पाना वाकई मुश्किल है। परिणाम दिनांक का इवेंट चार्ट सत्तासीन एनडीए गठबंधन के लिए लाभ का संकेत देता है।

मंगल का विघटनकारी पारगमन

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि चुनाव परिणाम की तारीख तक, मंगल का पारगमन बहुत महत्वपूर्ण होगा। विशेषकर रोहिणी नक्षत्र में वृषभ के राशि से मंगल का पारगमन तनाव बढ़ा सकता है। शनि-केतु की युति 7 मई से मंगल-राहु की युति के सामने होगी। 7 अप्रेल और 22 जून के बीच की अवधि अत्यधिक संवेदनशील और जटिल हो सकती है। 22 जून तक की पूरी अवधि जो संयोगवश भारतीय आम चुनावों को कवर करती है, बहुत विघटनकारी हो सकती है। इस चरण के दौरान होने वाली कोई भी घटना लोकसभा चुनावों के परिणाम पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।

बीजेपी बड़ी बनेगी पार्टी !

यह चुनाव पूरे भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण होगा। इस चुनाव में बीजेपी अकेली सबसे बड़ी पार्टी होगी। एनडीए फिर से सत्ता में आ सकती है। एनडीए के वर्तमान जनादेश को पार करने की संभावना है।

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