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जीएसटी पर गणेशजी की भविष्यवाणी: भारतीय अर्थव्यवस्था का एक एेतिहासिक कदम

जीएसटी पर गणेशजी की भविष्यवाणी: भारतीय अर्थव्यवस्था का एक एेतिहासिक कदम

हमेशा से ही सख्त फैसले लेकर देश की जनता में लोकप्रियता हासिल करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार आगामी 1 जुलाई 2017 से नए गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लागू करने जा रही है। मोदी सरकार का यह कदम मात्र भारत में ही नहीं वरन् पूरी दुनिया के आर्थिक इतिहास के टैक्स सिस्टम में बड़े फेरबदल के तौर पर देखा जाएगा। पक्ष और विपक्ष के बीच अनेक चर्चा व वार्तालाप, अनेक परिवर्तन और प्रजा के लिए कड़े निर्णय लेते हुए मोदी सरकार ने जीएसटी को लेकर कोई समझौता नहीं किया। अाखिरकार, देश के इतिहास में नए टैक्स सिस्टम्स के अंतर्गत कई वस्तुओं व सेवाओं के लिए टैक्स दरें तय कर दी गई हैं। जीएसटी का अमल तो अपने आप में ही एेतिहासिक कदम है। पर साथ-साथ स्वतंत्र भारत के 70वर्ष के इतिहास में पहली बार आधी रात को संसद का विशेष सत्र बुलाने का श्रेय भी मोदी सरकार को जाएगा। साल 2017 के लिए मुफ्त में करियर रिपोर्ट पाएं और अपने करियर संबंधी समस्याओं का निदान प्राप्त करें।

1 जुलाई की मध्य रात्रि यानी ठीक12.00 बजे से जीएसटी क्रियाशील हो जाएगा। सरकार की ओर से यह दावा किया गया है कि नया टैक्स सिस्टम देश के व्यापारिक क्षेत्र में पारदर्शिता को बढ़ाएगा। इससे टैक्स चोरी घटेगी। मल्टिपल टैक्स के जनजाल से आपको यानी अंतिम उपभोक्ता को टैक्स के गड़बड़झाले से अंततः छुटकारा मिलेगा। जीएसटी से जीवन जरुरियात की जो चीजें जिस भाव से मिलती है उसके भाव के घटने से कम दाम पर आम आदमी को सुलभ होंगी। सरकार के ये दावे वास्तव में देश की जनता की अपेक्षाओं पर कितने खरे उतरते हैं ये तो समय ही बताएगा। परंतु, ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से चलिए देखते हैं कि स्वतंत्र भारत की कुंडली और जीएसटी (GST) के अमल की कुंडली में ग्रहों की स्थिति एक दूसरे के लिए कितनी सहायक है। कुंडली की छानबीन करते वक्त हम यह भी देखेंगे कि जीएसटी का अमल भारत सरकार और भारतवासियों के लिए कितना असरकारक रहेगा।

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी)
जीएसटी के लागू होने की तिथि: 1 जुलाई 2017
लागू होने का समय: अज्ञात
लागू होने का स्थान: नई दिल्ली, भारत

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स्वतंत्र भारत की कुंडली और ग्रहों का प्रभाव
स्वतंत्र भारत की कुंडली के लग्न स्थान में वृषभ राशि के अंतर्गत राहु की उपस्थिति है। यह स्थान राष्ट्रपति, फूड प्रोससिंग और ऊर्जा का भी क्षेत्र है। इन तीनों ही क्षेत्रों में बड़े स्तर पर हलचलें होने के संकेत मिलते हैं। देश की अर्थव्यवस्था में इसका व्यापक असर पड़ने के आसार हैं। कुंडली का दूसरे स्थान वाणिज्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और आरबीआई गवर्नर का है। इस स्थान में उग्र स्वभाव के मंगल की उपस्थिति की वजह से वाणिज्य, वित्त और आरबीआई के द्वारा कितने ही आक्रामक और साहसिक निर्णय लिए जाने की सूचना है।

कुंडली का तीसरे स्थान काफी महत्वपूर्ण बन जाता है। वजह यह है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, कम्युनिकेशन व टेक्नोलॉजी मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय, सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को इस स्थान से देखा जाता है। भारत की कुंडली के इस स्थान में चंद्र, बुध, शनि, शुक्र और सूर्य इन 5 महत्व के ग्रहों की युति है। आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र से कई बड़े समाचार मिलने की संभावना है जिससे देश के विकास की गाड़ी में उल्लेखनीय असर होने के आसार हैं।

जीएसटी का अमल किस लिए?
वस्तु एंव सेवा कर (Goods and Service Tax) को अमल में लाने के पीछे केंद्र सरकार का मुख्य आशय देश की वर्तमान जटिल टैक्स सिस्टम को सरल बनाकर मल्टिपल टैक्स( एक ही चीज पर लग रहे कई टैक्स) के कारण चीजों की कीमतों में होने वाली वृद्ध पर अंकुश लाने का प्रयास करना है जिससे देशवासियों को जीवन जरूरियात की चीजें व सेवाएं सस्ते दामों पर उपलब्ध हो सकें। इससे चीजों पर कई करों के बजाय एक कर ही लगेगा। अगर व्यापक रुप से देखें तो जीएसटी के अंतर्गत सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी यानी केंद्रीय उत्पाद शुल्क, एडिशनल एक्सरसाइज ड्यूटी, सर्विस ड्यूटी, सर्विस टैक्स (Service Tax),एडिशनल कस्टम ड्यूटी (सामान्य रुप से कॉउंटरवेलिंग ड्यूटी के रुप में जाना जाता है), कस्टम्स द्वारा विशेष एडिशनल ड्यूटी के अलावा राज्य सरकार द्वारा लिए जाने वाले वैट(VAT), सेल्स टैक्स, मनोरंजन टैक्स, आक्ट्राई यानी चुंगी कर और एंट्री टैक्स, परचेस (खऱीद) टैक्स और एंटरटेनमेंट या लग्जरी टैक्स आदि को एक ही टैक्स में शामिल किया गया है। भारत की कुंडली के सुख स्थान पर से हो रहे राहु के भ्रमण को टैक्स सिस्टम्स में आए इस परिवर्तन को जवाबदार कहा जा सकता है।

जीएसटी के लागू होने वाले समय की कुंडली
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जीएसटी के लागू होते समय ग्रहीय स्थिति
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी का अमल1 जुलाई 2017 के दिन होता है। इसके अनुसार देखें तो ग्रहों की यह स्थिति इस परिवर्तन की वजह से अत्यंत ही संवेदनशील स्थिति का सामना करने की ओर संकेत देती है। स्वतंत्र भारत की कुंडली में आर्थिक स्थिति, राजस्व विभाग, सरकारी टैक्स, निवेशक और निवेश, संपत्ति और समृद्धि, सरकारी कोष, आर्थिक आय वगैरह के स्थान यानी दूसरे स्थान में उग्र स्वभाव का मंगल ग्रह है। वर्तमान में इस पर गोचर के बुध, सूर्य और मंगल का भ्रमण होता है जो आग को हवा देने की स्थिति उत्पन्न कर रहा है। साथ-साथ सूर्य-मंगल का अंगारक योग भी यहां बनता है। जीएसटी के अमल के विरोध में लोग सरकार के सामने मोर्चा खोल सकते हैं। लोगों में छाए असंतोष की वजह से दंगे-फसाद और सरकारी संपत्तियों को तोड़ा-फोड़ी जैसे हालात बन सकते है। हालांकि, इन सब में एक आशा की किरण यह है कि लंबी अवधि में गोचर का बुध भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आर्थिक उन्नति के द्वार भी खोल सकता है। बैंकिग और फाइनेंस में मजबूती आएगी। देश की अर्थव्यवस्था में जनता का विश्वास मजबूत होगा। संभावना है कि वित्त मंत्री अपने सकारात्मक बयानों से स्थिति को कुछ हद तक संभालने में सक्षम रहेंगे।

गोचर का राहु इस समय स्वतंत्र भारत की कुंडली के चौथे स्थान से होकर गुजर रहा है। आंतरिक उलझनें और परेशानियां बढ़ेंगी। कुंडली के सप्तम स्थान में वक्री शनि की चाल के कारण विरोधी पक्ष अधिक आक्रामकता के साथ जीएसटी को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। विपक्षी दलों की शय की वजह से जनाक्रोश भड़कने की आशंका रहेगी। पर इस आमूलचूल परिवर्तन के लंबी अवधि में पड़ने वाले असर से लोगों का सरकार के प्रति विश्वास और भी मजबूत होगा। गोचर की कुंडली के पंचम भाव में बन रहा चंद्र-गुरु का योग पूरी प्रक्रिया के सरलता व आसानी से अमलीकरण में महत्व की भूमिका निभाएगा।

गणेशजी के अनुसार, अक्टूबर और नवंबर 2017 में सरकार को खास ध्यान रखना चाहिए। कुण्डली में ग्रहों की स्थिति को तो देखने से लगता है कि सरकार को इस कालावधि में विरोधी पक्ष की ओर से काफी ज्यादा नाराजगी का सामना करना पड़ेगा। दिसंबर 2017से मार्च 2018 तक का समय काफी चुनौतीपूर्ण कहा जाएगा। वजह यह है कि राजकीय नेताओं के लिए इस अवधि के काफी मुश्किलों भरी होने के संकेत मिल रहे होने से सरकार के लिए मुश्किलों की घड़ी हो सकती है।

फिर भी, भविष्य की दृष्टि से यदि विचार करें तो अर्थशास्त्री जीएसटी (GST) के अमल को देश की जनता व भारतीय अर्थव्यव्स्था के एक नए अध्याय के रूप में देख रहे हैं।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
धर्मेश जोशी
गणेशास्पीक्स डाॅटकाॅम टीम

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