ध्वनि ध्यान: उपचार और माइंडफुलनेस

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ध्यान और उपचार ध्वनि का एक दूसरे के साथ गहरा संबंध है औऱ लंबे समय से एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। ध्वनि उपचार लंबे समय से दुनिया भर की विभिन्न संस्कृतियों में प्रचलित है। जैसे ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी चालीस हजार वर्षों से, तिब्बती और हिमालयी लोग सिंगिंग बाउल (जिसे गानेवाला कटोरा भी कहते हैं) आध्यात्मिक समारोह में इसका उपयोग करते रहे हैं। वे ध्यान ध्वनि 'ओम' को भी उपचार के उपकरण के रूप में इस्तेमाल करते आ रहे हैं। ध्वनि उपचार ध्यान का एक रूप है। जिससे लोग सहज ही बीमारियों से ठीक हो जाते हैं। ध्वनि की शक्ति व्यक्ति के मन और मस्तिष्क को मानसिक रूप से मजबूत बनाती है। यह बीमारी से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। इसका महत्व काफी प्रचलित है। ध्वनि उपचार ध्यान मेडिटेशन का ही एक प्रकार है, जो केंद्रित जागरुकता पर फोकस करता है। यहां एक और टर्म है ध्वनि स्नान (Sound baths), जिसमें श्रोताओं को निर्देशित करने के लिए तिब्बती सिंगिंग बाउल्स, क्वार्ट्ज बाउल्स और घंटियों का उपयोग होता है।

यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसकी लोकप्रियता बढ़ गयी है। यह गतिविधियां सुनने और स्पर्श करने वाली शारीरिक संवेदनाएं और आवृत्तियों के माध्यम से अनुभव किए गए ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करती है।

एक घंटे का निर्देशित ध्वनि ध्यान (Guided sound meditation) आध्यात्मिक कल्याण को बढ़ाते हुए तनाव, निराशा, थकावट, चिंता और अवसाद को कम करता है। ध्वनि ध्यान में प्रयुक्त होने वाली कुछ ध्वनियां इस प्रकार से हैं.... तिब्बती सिंगिंग बाउल्स गोंग्स क्रिस्टल सिंगिंग बाउल्स टिंगशास डिडगेरिडूस डॉर्गेस (घंटी) अन्य छोटी घंटियां भारत में ध्यान के लिए मंदिर की घंटियों की ध्वनि (Temple bell sound for meditation) का भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

मौलिक ध्वनि (Primordial Sound) क्या है?

स्वरयुक्त मन्त्रों को मौलिक ध्वनि या प्रिमोर्डियल स्वर (Primordial sound) कहा जाता हैं। ध्वनियों के कंपन आपको को तेजी से केन्द्रित करने और आधार बनाने में सहायता करते हैं। ये ध्वनियां कई ध्वनियों से बनी होती हैं, जिसमें ओम ध्वनि भी शामिल है। इन ध्वनियों को अक्सर योग कक्षाओं और ध्यान के मंत्रों में उपयोग किया जाता है।

मौलिक ध्वनि का उपयोग कैसे करें?

मौलिक ध्वनि ध्यान (Primordial sound meditation) को शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको एक कुर्सी पर बैठना चाहिए। उसके बाद स्वयं को जितना हो सकें सहज बनाना चाहिए। इसके बाद अपनी आंखें बंद करें और कुछ सेकंड के लिए अपनी सांसों पर ध्यान दें। इसके बाद आप चुपचाप एक मंत्र को दोहराना शुरू करें।

20-30 मिनट के बाद अपने मंत्र को दोहराना बंद कर दें और अपनी आंखें बंद करके 2-3 मिनट के लिए आराम करें।

अंत में जब आप अपनी आँखें खोलेंगे तो आपको महसूस होगा कि यह ध्वनि का ध्यान सफल हो गया। यह एक मौलिक ध्यान (fundamental meditation technique) तकनीक है। इसका ज्यादा लाभ उठाने के लिए इसकी प्रक्रिया के विधि के बारीक बिंदुओं और उनके पीछे के तर्क को समझना होगा।

ध्वनि तरंग ध्यान

ध्वनि तरंग ध्यान (Sound wave meditation) कई बीमारियों को ठीक करने में उपयोगी माना गया है। ध्वनि कंपन चिकित्सा से गठिया, मासिक धर्म में दर्द, ऑपरेशन के बाद दर्द और घुटना प्रत्यारोपण के दर्द वाले लोगों को ज्यादा लाभ मिलता है।ध्वनि-आधारित चिकित्सा का उपयोग गतिशीलता बढ़ाने, मांसपेशियों में दर्द और कठोरता को कम करने, रक्त परिसंचरण में सुधार तथा रक्तचाप को कम करने के लिए किया जाता है। ध्वनि ध्यान से लाभ के बारे में एक और परिकल्पना है, जो बिनाउरल बीट्स या ब्रेन एंटरटेनमेंट के विचार पर आधारित है। जो दावा करती है कि विशिष्ट आवृत्तियों को सुनना किसी के मस्तिष्क के तरंग को सिन्क्रोनाइज कर देता है। मस्तिष्क की तरंगें चार प्रकार की होती हैं, जो सबसे अधिक गतिविधि (beta) के दौरान होने वाली आवृत्तियों से लेकर थोड़ी सी गतिविधि (delta) के दौरान होने वाली आवृत्तियों तक होती हैं। मस्तिष्क के तरंग का स्तर मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों में सतर्कता और चेतना के स्तर के आधार पर भिन्न होता है। जब मस्तिष्क सक्रिय होता है और मानसिक रूप से व्यस्त होता है, तो बीटा तरंगें मस्तिष्क की तरंग (brainwave) का सबसे तेज रूप होती है।

जब मस्तिष्क गैर उत्तेजना की स्थिति में होती है, जैसे कि जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को पूरा कर आराम कर रहा होता है, फिर उसके बाद ध्यान करता है, तब उस समय अल्फा तरंगे प्रकट होती है।

दिन में सपने देखना और तेजी से आंखों की गतिविधियों के साथ नींदमें सपने देखने की प्रक्रिया भी मस्तिष्क की थीटा ब्रेनवेव्स से जुड़ी हुई हैं। उदाहरण के लिए जब आप हाईवे पर गाड़ी चला रहे होते हैं या लंबे समय तक दौड़ रहे होते हैं, तो उस समय आपको थीटा ब्रेनवेव्स का अनुभव होगा।

डेल्टा ब्रेनवेव्स सबसे धीमी होती हैं। साथ ही यह बिना सपने देखे गहरी नींद से संबंधित होती हैं। हालांकि शोधकर्ता अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि किन कारणों से ध्वनि में शांत करने वाले गुण होते हैं। कंपन चिकित्सा या ध्यान के रूप में ध्वनि में चिकित्सीय लाभ प्राप्त करने की क्षमता होती है, जिसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।

चक्र ध्वनि चिकित्सा

चक्र (Chakra sound therapy) का संस्कृत में शाब्दिक अर्थ “पहिया” होता है। इन “पहियों” की तुलना उन भंवरों से की जा सकती है जो ऊर्जा प्राप्त करते हैं और विकीर्ण करते हैं। मानव शरीर में सात प्रमुख ऊर्जा केंद्र होते हैं (जिन्हें चक्र भी कहा जाता है)। वे रीढ़ के आधार से सिर के मुकुट तक होते है। ऊर्जा को फ़िल्टर करने की प्रत्येक चक्र की क्षमता भावनाओं, शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्पष्टता से प्रभावित होती है।

पारंपरिक हठ योग में चक्रों के साथ संरेखित सात शुद्ध बीज मंत्र हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं…

“लैम” – चक्र 1 (जड़)

“वैम” – चक्र 2 (त्रिक/नाभि)

“रैम” – चक्र 3 (सौर जाल)

“यम” – चक्र 4 (हृदय)

“हम – चक्र 5 (गला)

“ओम” – चक्र 6 (थर्ड आई/भौं)

“ओम” – चक्र 7 (क्राउन)

एक बार में एक ही बीज मंत्र का जाप करें या एक में सफल होने के बाद दूसरे का जाप कर सकते हैं। मंत्रों का दोहराव एक ध्यानपूर्ण स्थिति की प्राप्ति में सहायता कर सकता है। ये मंत्र शांत ध्यान ध्वनियों के प्रतीक हैं, जो एक चिंतित मन को शांत करने में मदद करते हैं। यह चक्र अलग-अलग आवृत्तियों पर काम करता हैं। प्रत्येक चक्र विभिन्न भागों के लिए कार्य करता है। और यह किसी भी तरह से एक दूसरे से समान नहीं है।

ध्वनि से आराम

इस ध्यान के लिए बैठने या लेटने और अपने आस-पास की आवाजों को सुनने के लिए कुछ समय निकालना बेहतर होता है। इस ध्यान को करने के लिए सबसे पहले एक बेहतर मुद्रा का चयन करें, क्योंकि एक बेहतर मुद्रा से आपको सहजता प्राप्त होती है।

निष्कर्ष

निर्देशित ध्वनि ध्यान (Guided sound meditation) तनाव, चिंता, अवसाद, दर्द और कोलेस्ट्रॉल की समस्याओं को ठीक कर सकता है। साथ ही रक्तचाप और याददाश्त में भी सुधार कर सकता है। आपको ऐसी संगीत ध्वनियों को सुनने की सलाह दी जाती है, जिसमें सुखदायक ध्वनियां शामिल हों और जो आपके मस्तिष्क को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती हों।

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