माइंडफुलनेस और ब्रीदिंग एक्सरसाइज क्या है

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कोई व्यक्ति अपनी सांसों को अनुभव करता है, वह माइंडफुलनेस ब्रीदिंग (mindfulness breathing) कहलाता है। ब्रीदिंग की यह तकनीक व्यक्ति को बहुत ही सूक्ष्म स्तर तक ले जा सकती है। आमतौर पर यह सभी को पता होता है कि हमारे भीतर चलने वाले सभी विचार सांस से ही जुड़े हैं, इसलिए जब हम सांस लेने कि प्रकिया शुरू करते हैं, उस समय हमारे विचार सकरात्मक रूप से बदलने लगते हैं। माइंडफुलनेस ब्रीदिंग या कहें सचेतन ध्यान (mindfulness breathing) से हम अपने विचारों को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं। यह अत्यंत ही सरल प्रक्रिया है, जिसे लोग असानी से कर सकते हैं।

माइंडफुल ब्रीदिंग क्या है?

माइंडफुल ब्रीदिंग (mindfulness breathing) से कोई व्यक्ति ध्यानपूर्वक श्वास ध्यान का अभ्यास कर अपने विचारों में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। साथ ही उसके भीतर चल रहे गैर विचार को समाप्त कर सकता है। इस अभ्यास को करके हर कोई लाभान्वित हो सकता है। इसके नियमित अभ्यास से तनाव में कमी (mindful breathing for anxiety) तथा आराम में वृद्धि होती है।

वहीं डीप ब्रीदिंग माइंडफुलनेस (deep breathing mindfulness) की बात करें तो इसका डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज से गहरा संबंध है। डीप ब्रीदिंग और माइंडफुलनेस (breathing and mindfulness) की प्रक्रिया के साथ जोड़कर करने से फायदों में बढ़ोतरी होती है। सचेत रूप से सांस लेने का अभ्यास करने के लिए कुछ मिनटों का समय लगता है। इसके अभ्यास आपके दिन में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकता है। सांस लेने के साथ माइंडफुलनेस का अभ्यास स्वस्थ दिनचर्या के लिए अनुकूल व अद्भुत तरीका है। सचेतन सांस लेने की तकनीक सीखना सहज ही आसान है। साथ ही यह दूसरी सांस लेने जितना ही आसान प्रक्रिया है।

श्वास और माइंडफुलनेस में क्या संबंध है?

सांस और सचेतन (breathing and mindfulness) के बीच का संबंध माइंडफुलनेस संयोजन कहलाता है। ब्रीदिंग प्रैक्टिस, व्यक्ति को वर्तमान में वह क्या है, उसका ज्ञान कराता है। साथ ही यह आपके वर्तमान अनुभव के ज्ञान को बढ़ाता है। सांस को ही प्राण शक्ति कहा जाता है। सांस हमारी कोशिकाओं में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती है। जब हम सांस लेने की प्रकिया शुरु करते हैं तो हमारे मस्तिष्क में ऑक्सीजन का भराव होता है, जो पूरे शरीर की कोशिकाओं में जाता है। वहीं हम सांस छोड़ते हुए कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में अपशिष्ट उत्पादों को शरीर से मुक्त करते है। सांस लेने और छोड़ने की प्रकिया हमें जीवन जीने में सहायक बनाती है। विभिन्न माइंडफुलनेस ब्रीदिंग एक्सरसाइज (mindfulness breathing exercises) का हमारे शरीर पर विभिन्न प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए लयबद्ध तरीके से श्वास प्रकिया तंत्रिका तंत्र को नियंत्रण में रखने में मदद करती है।

सचेतन सांस पर एक नजर

चिंता व तनाव को दूर करने के लिए ध्यानपूर्वक सांस लेने की प्रकिया बहुत ही लाभकारी साबित होती है। इस प्रकिया में व्यक्ति को अपने सांस पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत होती है। इस दौरान आपके लिए सांस को अंदर और बाहर आने की प्रकिया को ध्यान से नोटिस करना आवश्यक होता है। इस प्रकार के ध्यान में वर्तमान क्षण में विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत होती है। जैसे हमारे विचार, संवेदना, और भावनाओं के साथ-साथ जो कुछ भी हो रहा है, उस पर सावधानीपूर्वक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इसी तरह माइंडफुल ब्रीदिंग यानी सचेतन श्वास की प्रकिया से आपको अधिक ऊर्जा, आत्म-जागरूकता, विश्राम, शांति और खुशी प्राप्त करने में मदद मिलती है। साथ ही तनावपूर्ण स्थितियों में आपमें अधिक मात्रा में सकरात्मक ऊर्जा का संचार होगा।

ज्यादा तकनीकी बातों में जाने की बजाय, यहां हम समझेंगे कि चिंता से कैसे निपटें

सचेतन सांस की तकनीक

यहां आपको इस अभ्यास को करने का त्वरित और आसान तरीका बता रहे हैं, जिसे कर आप स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सबसे पहले अपनी कमर के बल झुकें और अपने घुटनों को थोड़ा मोड़ें। इसके बाद आप बाहें फर्श से नीचे लटकने दें। धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठते हुए खड़े होने की स्थिति में लौट आएं। अपने सिर को आखिर में ऊपर उठाएं। इस दौरान आप धीरे-धीरे और गहरी सांस लेते रहें। खड़े होने की मुद्रा में आप फिर कुछ सेकंड के लिए अपनी सांस को रोके रखें। जब आप अपनी मूल स्थिति में लौट आएं तो कमर से आगे की ओर झुकते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें। आप व्यायाम के रूप में बेली ब्रीदिंग का भी प्रयास कर सकते हैं। इसे करने के लिए एक हाथ अपने पेट पर और दूसरा अपने कंधों पर रखें। जैसे ही आप सांस लें, अपना हाथ बाहर निकालें। इसके बाद आप अपने दूसरे हाथ को बढ़ाते हुए अपने फेफड़ों को सांस से भरने दें। अंत में गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें।

कैसे करें?

इस अभ्यास को करने के लिए अपना ध्यान अपने शरीर पर केंद्रित करना, श्वास लेने और छोड़ने की प्रकिया महत्वपूर्ण होती है। इसे सचेतन सांस का सबसे बुनियादी रूप माना जाता है। आप इसे खड़े होकर भी कर सकते हैं। सबसे अच्छा यह होगा कि आप इसे आरामदायक स्थिति में बैठकर या लेटकर इसका अभ्यास करें। इस दौरान आप अपनी आंखें खुली या बंद दोनों ही तरह से रख सकते हैं, हालांकि उन्हें बंद करने से अपनी एकाग्रता बनाए रखना ज्यादा आसान हो सकता है। इस अभ्यास के लिए एक विशिष्ट समय निर्धारित करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। जब आप विशेष रूप से घबराहट या चिंतित महसूस कर रहे हों तो इसे करना और ही फायदेमंद हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार नियमित आधार पर ध्यानपूर्वक सांस का अभ्यास करने से तनावपूर्ण स्थितियों में सुधार होता है।

इस अभ्यास को करने के लिए शांत वातावरण वाला स्थान खोजें। आप इस अभ्यास को कुर्सी पर या फर्श पर या कुशन पर बैठकर भी कर सकते हैं। इस अभ्यास प्रकिया में आप अपनी पीठ सीधी मुद्रा में रखें। साथ ही अपने हाथों को सहजता से सुविधा अनुसार रखें।

अपने शरीर पर ध्यान दें और इसे आराम की मुद्रा में रखें। इस दौरान आप अपने शरीर के आकार और वजन पर ध्यान देने की कोशिश करें।

अपनी श्वास पर ध्यान लगाने की कोशिश करें। अपनी सांस को सामान्य तरीके से अंदर और बाहर लयबद्ध तरीके से अभ्यास करें। इस दौरान ध्यान दें कि आपके शरीर में आपकी सांस की कमी कहां महसूस होती है। हो सकता है यह आपके पेट, आपके फेफड़ों, मुंह या नाक में हो सकता है। एक बार में एक सांस लेने की प्रकिया में संवेदनाओं को महसूस करने का प्रयास करें। जब एक सांस खत्म हो जाती है तो दूसरी शुरू करें।

इस दौरान आप अपने भटकते विचारों के प्रति सजग रहें। आप देखेंगे कि ऐसा करते ही आपका दिमाग भटकने लगता है। आप विचलित हो सकते हैं और कुछ और सोचना शुरू कर सकते हैं। हालांकि यह कोई बड़ी समस्या नहीं है। यह बिल्कुल ही सामान्य प्रकिया का हिस्सा है। केवल इस बात से अवगत रहें कि आपके विचार भटक गए हैं। इसके बाद धीरे-धीरे अपने मन को वापस सांसों पर ले आएं।

इस अभ्यास प्रकिया में पांच से सात मिनट बिताएं। इस दौरान आप समय-समय पर विचारों में खो जाना महसूस करेंगे। लेकिन आप हमेशा अपनी सांस में पुनः वापस आ जाएंगे।

संदेश

माइंडफुल ब्रीदिंग (mindful breathing meditation) के कई फायदे हैं, जो विशेष रूप से स्वास्थ्य लाभ के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं। आप अपने दिन के केवल पांच मिनट की ध्यान प्रकिया में अपनी श्वास को नियंत्रित करने के तरीके सीख सकते हैं। इससे आप अधिक आरामदायक और शांत महसूस करेंगे। इस अभ्यास प्रकिया को आप अपने नजदीक के लोगों को भी बता सकते हैं। जिससे उन्हें भी इसका लाभ मिल सकता है। इन गतिविधियों को करने से शारीरिक और मानसिक स्तर पर अतुलनीय लाभ की प्राप्ति होती हैं और आप अधिक तनावमुक्त, संतुष्ट और शांत महसूस करेंगे।

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