पद्मासन योग कैसे करें, पद्मासन के लाभ और उससे जुड़ी सावधानियां

पद्मासन को कमलासन भी कहा जाता है इस को आसन करने से नाड़ीतंत्र शुद्ध होता है। जब हमारा नाड़ीतंत्र शुद्ध होता है तो हमारे शरीर में रोग के लिए कोई जगह नहीं बचती। पद्मासन में बैठने से शरीर की स्थिति ऐसी बनती है, जिससे हमारा श्वसन तंत्र, ज्ञानतंत्र और रक्ततंत्र सुव्यवस्थित ढंग से कार्य करने लगता है। परिणाम स्वरूप हमारे अंदर जीवनशक्ति का विकास होता है। पद्मासन का अभ्यास करने वाले लोगों के जीवन में एक विशेष प्रकार की आभा देखी जा सकती है। इस आसन का उपयोग संतों, योगियों और साधकों के द्वारा पौराणिक काल से किया जा रहा है। आइए पद्मासन से जुड़े कुछ सामान्य सवाल जैसे पद्मासन कैसे करें, पद्मासन योग के लाभ और पद्मासन की विधि को जानें।

पद्मासन योग क्या है?

पद्मासन संस्कृत भाषा के शब्द पद्म से मिलकर बना है। पद्म का अर्थ होता है कमल और आसन का अर्थ होता है बैठना। इस तरह पद्मासन का शाब्दिक अर्थ होता है कमल की मुद्रा में बैठकर किया जाने वाला योग। यदि आपने कभी किसी ऋषि, संत, योगी या साधक को ध्यान मुद्रा में बैठे देखा होगा तो बहुत हद तक संभावना है कि आपने पद्मासन योग को नजदीक से जाना होगा। इस आसन में शरीर कमल की भांति प्रतीत होता है, इसलिए कई बार इसे कमलासन या कमल की मुद्रा का अभ्यास भी कहते है। पद्मासन के नियमित अभ्यास मनुष्य को सामाजिक बुराइयों से दूर कर आध्यात्मिक तौर पर जागृत होने में मदद करता है।

पद्मासन के फायदे

पद्मासन के नियमित अभ्यास से उत्साह में वृद्धि होती है और स्वभाव में प्रसन्नता बनी रहती है। मुख पर एक तेजस्वी ओझ रहता है और व्यक्ति का बौद्धिक तौर पर अलौकिक विकास होता है। चित्त में उल्लास रहता है। चिन्ता, शोक, दुःख, शारीरिक विकार जैसी चीजों से मुक्ति मिलती है। बौद्धिक-मानसिक कार्य करने वालों के लिए, चिन्तन मनन करने वालों के लिए और विद्यार्थियों के लिए यह आसन बेहद लाभदायक है। चंचल मन को स्थिर करने और वीर्यवान बने रहने के लिए भी यह आसन बेहद लाभदायक सिद्ध होता है।

पद्मासन के लाभ (benefits of padmasana)

– एकाग्रता में वृद्धि – पद्मासन योग के अभ्यास से व्यक्ति की एकाग्रता में वृद्धि होती है। इस मुद्रा से शरीर को ध्यान की अवस्था में जाने में सरलता होती है जिससे एकाग्रता बढ़ती है।

– पाचन तंत्र के लिए वरदान और दर्द से छुटकारा – पद्मासन का नियमित अभ्यास आपकी पीठ को मजबूत बनाता है। पद्मासन का अभ्यास आपके घुटनों और जांघों से जुड़े दर्द को खत्म करने का काम करता है। नियमित रूप से इसे करने से शरीर में यूरिक एसिड की बढ़ी हुई मात्रा कम होती है। पद्मासन का नियमित अभ्यास आपके पाचन तंत्र को भी बेहतर करता है।

– नींद और अनिंद्रा की समस्या दूर करता है – आज की भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी के कारण कई लोगों को रात में नींद न आने की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिन लोगों को रात में नींद नहीं आती है, उनके लिए पद्मासन एक रामबाण उपाय हो सकता है। यह आपके तनाव के स्तर को कम करता है और आपको बेहतर नींद लेने में मदद करता है।

– ऊर्जा का स्तर बढ़ाने में सहायक – पद्मासन का नियमित अभ्यास आपकी ऊर्जा के स्तर को बनाये रखने तथा उसे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है। कुछ वैज्ञानिक शोधों में इस बात को प्रामाणित किया जा चुका है कि थकान महसूस होने पर यदि आप कुर्सी या बिस्तर की अपेक्षा पद्मासन की स्थिति में बैठते है तो आपकी ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है।

– मानसिक तनाव दूर करता है – पद्मासन करने से व्यक्ति को मानसिक रूप से तनाव को कम करने में सहायता मिलती है। पद्मासन का नियमित अभ्यास साधक की तनाव ग्रंथी को राहत देने का काम करता है, जिसकी वजह से मानसिक तनाव दूर होता है और मन में उत्पन्न होने वाले नकारात्मक विचार दूर होते हैं।

पद्मासन की विधि

किसी भी तरह का योग करने से पहले आपको इस बात को अच्छे से समझ लेना चाहिए कि किसी भी आसन के फायदे उसे सही ढंग से करने पर ही मिल सकते हैं। इस लिहाज से यह बेहद जरूरी है आप अपने बेहतर स्वास्थ्य और शरीर के लिए जिस भी योगासन को चुने, आपको उसकी विधि को बेहतर ढंग से समझना चाहिए। आइए पद्मासन करने का तरीका जानें।

द्मासन कैसे करें

– पद्मासन की शुरुआत करने के लिए एक योग मैट पर पैरों को अपने सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं।

– इसके बाद अपनी कमर और गर्दन को सीधा रखने का प्रयास करें।

– अब दाएं पैर को मोड़ कर उसकी एड़ी को बाईं जांघ के उपर रखें।

– फिर अपने बाएं पैर की एड़ी को अपनी दायीं जांघ पर रखें।

– जब इस प्रक्रिया को करने के बाद आप सहज महसूस करें तो अपने दोनों हाथों को ज्ञानमुद्रा में घुटनों पर रखें।

– ज्ञान मुद्रा के दौरान आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आपकी कोहनी बिलकुल सीधी हो।

– कुछ देर इस पद्मासन मुद्रा में बैठे रहें और सांस लेने व छोड़ने की सामान्य प्रक्रिया जारी रखें।

– यदि संभव हो तो इस प्रक्रिया को दिन में दो बार कम से कम तीन से पांच मिनट के लिए दोहराएं।

– हालांकि पद्मासन योग विधि के दौरान आपको कुछ बातों को ध्यान भी रखना होगा, जिन्हें हमने आगे विस्तार से समझाया है।

पद्मासन योग के दौरान रखें ये सावधानियां

पद्मासन या किसी भी प्रकार के योग को करते समय आपको कुछ मामूली सावधानियां बरतनी होती है। हालांकि पद्मासन योग की एक बेहद ही शुरूआती स्टेप है इसलिए इसे करते समय आपको किसी प्रकार की खास सावधानियां नहीं बरतनी पड़ती। लेकिन पद्मासन मुद्रा को करते समय आपको जिन बातों का ध्यान रखना चाहिए उन्हें नीचे पाॅइंट में बताया गया है।

– घुटनों या जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों को पद्मासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

– यदि आप पहली बार पद्मासन कर रहे है और आपको अपने पैरों या पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द महसूस हो रहा है तो भी आपको पद्मासन नहीं करना चाहिए।

– यदि आप पद्मासन की शुरुआत कर रहे है तो आपको पहले किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

– गर्भवती महिलाओं को पद्मासन योग करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।

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