हस्तपादासन

हस्तपादासन (Forward bend) स्थायी योग मुद्रा है, जिसमें व्यक्ति पैरों को एकदम नीचे से पकड़ने के लिए झुकता है। हस्तपादासन (Hastapadasana) शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसमें हस्त यानी हाथ, पाद यानी पैर और आसन यानी मुद्रा है।

परिभाषा

हस्तपादासन (Hastapadasana) एक लोकप्रिय और चुनौतीपूर्ण मुद्रा है, जिसमें उच्च ध्यान और “श्वास शक्ति” प्राणायाम की आवश्यकता होती है।

हस्त पादासन क्या है?

योग के फायदों के बारे में सभी जानते हैं और भगवद गीता के अनुसार, “योग स्वयं से स्वयं तक, स्वयं का मार्ग है।” सुबह – सुबह योग करने से आप अपना दिन खुशनुमा बना सकते हैं, जरूरी चीजों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और बेहतर नींद भी ले सकते हैं। नियमित योग करने से गंभीर विकार जैसे- बाल झड़ना, कमर दर्द, पेट खराब होना, कब्ज और अन्य विकार कम हो जाते हैं। पारंपरिक योग मुद्रा हस्तपादासन एक थेरेपी है, जो आपके तनाव और मांसपेशियों के दर्द को दूर करने में मदद करता है।

फॉरवर्ड बेंड (Forward bend) योग मुद्रा को आप सीधे खड़े होकर शुरू करें, फिर अपने बांहों को फैलाते हुए अपनी पीठ को तब तक मोड़ें जब तक कि आपकी बांहें आपके पैर की उंगलियों से न मिल जाएं। यह एक बुनियादी और सबसे अधिक फायदेमंद योग है, जो सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है। योग करते समय हाथ और पैर की मुद्रा महत्वपूर्ण होती है। आगे की ओर झुक कर ये आसन करें अन्यथा कोई लाभ नहीं होगा।

इस योग मुद्रा में जब शरीर के आगे और पीछे के हिस्से को एक साथ लाया जाता है, तो श्वास और मन जागृत होकर सिंक्रनाइज़ होते हैं। जिससे आपको चेतना और आध्यात्मिक संतुलन की गहन अनुभूति होती है, यह इस आसान के फायदों में से एक है।

हस्तपादासन (Hastapadasana) कैसे करें?

हस्तपादासन (Forward bend) शुरू करने के लिए, सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और बांहों को कमर के पास रखें। अपने शरीर को स्थिर रखें और सांस लेते हुए अपनी बांहों को ऊपर ले जाएं।

सांस छोड़ते हुए धीरे – धीरे सामने की ओर तब तक झुकें, जब तक कि आपकी हथेलियां आपकी पंजों के संपर्क में न आ जाएं।

गहरी सांस लेते हुए इस आसन को कम से कम 30 सेकंड तक बनाए रखें।

इस स्थिति में हाथ और पैर को सीधा रखें।

अब छाती को घुटने की तरफ ले जाएं।

सर को धीरे-धीरे पैर की ओर ले जाकर सांस लेना शुरू करें।

अब इस मुद्रा से बाहर आने के लिए बाजुओं को आगे करें और ऊपर ले जाकर खड़े होने की मुद्रा में आ जाएं।

सांस छोड़ते हुए अपने हाथों को अपनी भुजाओं पर रखें।

फॉरवर्ड बेंड (Forward bend) पोज के लाभ:

हस्तपादासन (Hastapadasana) एक स्ट्रेचिंग पोज़ है, जिसे बड़ी वस्तुओं को उठाने से पहले वार्म-अप के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह योग रक्त की आपूर्ति को उत्तेजित कर तंत्रिका तंत्र को पुनर्जीवित करता है। इस योग को करने से पेट की मांसपेशियां टोन होती हैं और शरीर रिलैक्स हो जाता है।

प्रमुख लाभ

  • पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है।
  • वजन घटाने में मदद करता है।
  • हेयर फॉल को कम करने में मदद करता है।
  • तंत्रिका तंत्र में रक्त के प्रवाह में सुधार करता है।
  • आसन के प्रतिदिन अभ्यास से पेट और पाचन तंत्र दोनों की समस्याओं का निदान होता है।
  • रीढ़ की हड्डी को लचीला बनता है।
  • मासिक धर्म की समस्या में महिलाओं की मदद करता है।

सावधानी

  • पीठ या रीढ़ में चोट की समस्या है, तो इस आसन को न करें।
  • सर्वाइकल या किसी अन्य प्रकार के पीठ दर्द से प्रभावित लोग इससे दूर रहें।
  • स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित मरीज भी इस आसन को न करें।
  • जिन्हे रीढ़ की हड्डी की समस्या, गठिया, अल्सर, हर्निया या हृदय रोग की समस्या है, वे इस आसन का न करें।
  • कूल्हे, घुटने, कोहनी या पीठ में चोट है, तो इस आसन से बचें।

आगे की ओर झुक कर: अपनी पीठ के निचले हिस्से को कैसे सुरक्षित रखें

क्या आपके पैरों में कमजोरी है? पैर फ़ैलाने में समस्या होती है? तो इस आसन को करना बुद्धिमानी भरा निर्णय है, क्योंकि फॉरवर्ड ट्विस्ट आपके पैरों को मजबूती से फैलाते हैं। इसे आप सप्ताह में कुछ दिन अपने घरेलू व्यायाम के रूप में शामिल कर सकते हैं।
हैमस्ट्रिंग मांसपेशियां आपके पैरों के पिछले हिस्से के आसपास चलती हैं। हैमस्ट्रिंग आपकी जांघों से लगभग दो-तिहाई नीचे तक फैली होती है, जो लंबी नस से बंधे होते हैं, एवं घुटनों के पीछे से हड्डियों और टिबिया को निचले पैरों के फाइबुला से जुडऩे के लिए होते हैं।

जब हैमस्ट्रिंग को फैलाते हैं, तो यह विद्रोह करता है, जिसे घुटने को मोडक़र या कंधे को फैलाकर इसकी विकृति को रोक सकते हैं। सतह पर बैठने पर छोटी हैमस्ट्रिंग आपके इस्चियल ट्यूब्रोसिटी को आपके पैरों के पीछे की ओर खींचती है। यह आपके पेल्विस को झुका कर पीठ के निचले हिस्से के प्राकृतिक वक्र को समतल करती है। इससे आपके हृदय, फेफड़े और पाचन तंत्र में ऐंठन होगी, जबकि शरीर के पीठ के निचले हिस्से और स्पाइनल कार्टिलेज अधिक खिंचेंगे। हैमस्ट्रिंग के कसने की संभावना जितनी अधिक होगी, उतना ज्यादा रीढ़ की हड्डी को नुकसान होगा।

जब आप झुकते हैं या पीठ को घुमाते हैं, तो रीढ़ की हड्डी की डिस्क और अस्थि-बंधन (दो हड्डियों के बीच का जोड़) को गंभीर नुकसान हो सकता है। क्योंकि झुकने पर वजन डिस्क के सामने की ओर चला जाता है। अगर डिस्क के जेल कोर को सहायक अस्थि-बंधन के माध्यम से ज्यादा बल दिया गया तब परिणामस्वरुप आपको हर्नियेटेड, सैक्रोइलियक पर चोट की समस्या हो सकती है। यह आपके जीवन और योग अभ्यास को महीनों तक बाधित कर सकता है।

पीठ के निचले हिस्से में दर्द गलत तरीके से झुकने के कारण होता है। यदि पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को सख्त करके, आगे की ओर मुड़ें तो यह रीढ़ पर पड़ने वाले दबाव को कम करता है। हाइपरेक्स्टेंडेड लोअर बैक फॉरवर्ड पेल्विस से प्रभावित होता है, जो लंबे और लचीले हैमस्ट्रिंग द्वारा समर्थित होता है। जब आप सामान्य रूप से आगे की वक्र के माध्यम से झुकेंगे तो आपको सुखद लाभ मिलेगा।

अंतिम बिंदु

फॉरवर्ड बेंड (Forward bend) में आपकी जांघों के सामने की मांसपेशियां सिकुड़ी होनी चाहिए। हैमस्ट्रिंग में यदि कोई समस्या है तो यह उसे दूर करने का एक प्रभावी तरीका है। घुटनों को मोड़ते समय हैमस्ट्रिंग क्वाड्स सीधा रखने और संतुलित करने में मदद करता है। क्वाड्स को सिकोडक़र, आप एक काइन्सियोलॉजिकल के लाभों का आनंद ले सकेंगे, जिसे “पारस्परिक संयम” के रूप में जाना जाता है। यह तंत्रिका तंत्र की मांसपेशियों के संकुचन को रोकने का काम करता है, जब आप क्वाड्स को सिकोडक़र आगे की ओर झुकते हैं।

हैमस्ट्रिंग में संयोजी ऊतक – मोटे रेशे के तौर पर स्तरित होते हैं, इसलिए अपने हैमस्ट्रिंग को खिंचाव के लिए मजबूर न करें, बल्कि उन्हें लंबाई और योग समय में समायोजित करें। 90 से 120 सेकंड के लिए संयोजी ऊतक सबसे अच्छा काम करते हैं। हैमस्ट्रिंग की पकड़ को चुस्त करने में महीनों लग सकता है, इसलिए धैर्य रखकर हस्तपादासन योग करें।

Talk to Online Therapist

View All

Get 100% Cashback On First Consultation

100% off
100% off
Buy Now
Rahu - Ketu Transit

Top Stories

Continue With...

Chrome Chrome