हर उम्र वर्ग के लोगों के लिए उपयोगी है तितली आसन, मिलेंगे ये लाभ

अब धीरे धीरे लोगों को योग का महत्व समझ में आने लगा है। इसके कारण योग की विभिन्न क्रियाओं की तरफ लोगों का झुकाव भी बढ़ने लगा हैं। हर कोई व्यक्ति चाहे वह बच्चा हो, जवान हो या फिर बुजुर्ग हो स्वस्थ रहने, वजन घटाने, शरीर में स्टैमिना बढ़ाने, चेहरे और बालों को स्वस्थ रखने और फिट रहने के लिए योग का सहारा ले रहे हैं। अब योग का महत्व भारतीय संस्कृति के साथ ही विदेशी लोग भी जानने लगे हैं।

तितली आसन (titli asana) की बात करें तो यह बैठकर किया जाने वाला एक सरल आसन है। जिस प्रकार तितली अपने पंखों को फड़फड़ाती है, ठीक उसी प्रकार इस आसन को करने के लिए पैरों को घुटने से मोड़कर ऊपर नीचे किया जाता है। आज हम अपने इस लेख के माध्यम से जानेंगे तितती आसन क्या है?(What is titli asana) तितली आसन कैसे करें (How to do butterfly posture)और तितली आसन के लाभ(Benefits of butterfly posture)।

तितली आसन योग

तितली आसन योग (titli asana yoga) भी उम्र के लोगों के लिए एक बहुत ही अच्छा और आसान योगासन हैं। इस आसन में आपको अपने पैरों को तितली के पंखों की तरह अपने हिलाना होता हैं। तितली आसन के फायदे (Benefits of titli asana) की बात करें तो यह आपको कई तरह से लाभान्वित कर सकता है। तितली आसन करने की विधि (Butterfly posture method) भी बहुत ही आसान हैं। तितली आसन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे बच्चे, जवान और बूढ़े सभी उम्र के लोग कर सकते हैं। इस आसन को तितली नाम दिये जाने के पीछे इस आसन की वह स्थिति है जो इसे करते समय बनती है। तितली आसन के दौरान आपकी दोनों टांगे तितली के पंखों के समान दिखाई देती है, यही कारण है कि इस योग को तितली आसन के नाम से जाना जाता है। हालांकि अंग्रेजी में इसे बटरफ्लाय योगा (Butterfly yoga) भी कहा जाता है। आइये जानते हैं तितली आसन करने का सही तरीका क्या हैं, जिससे तितली आसन के लाभ (titli asana ke labh) या बद्धकोणासन के फायदे (Benefits of baddhakonasana) आपको मिल सकें।

तितली आसन की विधि

आपको तितली आसन के फायदे (titli asana ke fayde) तभी प्राप्त हो सकते हैं, जब आप इस आसन का सही तरीके से अभ्यास करें। तितली आसन करने के लिए सबसे पहले मैट पर बैठ जाएं। अपने घुटनों को मोड़ते हुए पैरों को एक दूसरे के अधिक से अधिक नजदीक लाने का प्रयास करें। इस मुद्रा में आते समय यह ध्यान रखें कि इस दौरान दोनों पैरों के तलवे एक-दूसरे से जुड़े रहें। पैरों को अपने हाथों से कसकर पकड़े रहें। अब लंबी सांस लेते हुए अपनी जांघों को नीचे फर्श की ओर ले जाएं, और धीरे – धीरे इसे तितली के पंखों की तरह हिलाना शुरू करें। कुछ देर करने के बाद सांस बाहर छोड़ते हुए वापस सामान्य मुद्रा में लौट आएं। नीचे दिए गए पॉइंट्स के माध्यम से आप तितली आसन को अधिक बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।
– सबसे पहले किसी समतल स्थान पर योगा मैट या चटाई बिछाकर आराम से बैठ जाएं।
– अब अपने दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करें और अपनी कमर को सीधा रखें।
– अपने दोनों घुटनो को मोड़ें और दोनों पैरों को अपने पेल्विक एरिया की ओर लेकर आएं।
– अब अपने दोनों हाथों की अंगलियों को आपस में जोड़कर अपने दोनों पैरों को कसकर पकड़ लें।
– इसके बाद अपनी दोनों एड़ियों को जननांग के करीब लेकर आए।
– फिर अपनी दोनों जांघों को नीचे फर्श की ओर दबाएं।
– अब अपने दोनों जांघों को धीरे – धीरे ऊपर नीचे करें, यह करते हुए अपकी स्थिति किसी तितली कर तरह होनी चाहिए।
– यदि आप नए हैं या शुरुआत कर रहे हैं तो एक से दो मिनट के लिए इस स्थिति में रहते हुए तितली योग का अभ्यास करें और धीरे – धीरे अभ्यास का समय बढ़ाते रहें।
– ध्यान रहें इस योग को करते समय आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।
– आपको जांघों के अंदरूनी हिस्से के आस-पास खिंचाव महसूस होना चाहिए।
– अंत में सांस छोड़ते हुए धीरे – धीरे इस आसन से बहार आएं और आराम से बैठ जाएं।

तितली आसन के फायदे

तितली आसन बैठकर किया जाने वाला सरल आसन है। जिस प्रकार तितली अपने पंखों को फड़फड़ाती है, इस आसन में ठीक उसी प्रकार पैरों को घुटने की ओर मोड़कर ऊपर नीचे किया जाता है। इसलिए इस आसन को तितली आसन या बटरफ्लाय आसन कहा जाता है। तितली आसन से अधिक लाभ पैरों को होता है। ऑफिस में बैठकर काम करने वाले लोगों के लिए यह आसन बेहद लाभकारी होता है। इससे पैर की मांसपेशियां मजबूत और लचीली बनती है। आइए तितली आसन के लाभ (Benefits of butterfly position) जानें।
– तितली आसन के नियमित अभ्यास से पैर की मांसपेशियां लचीली और मजबूत बनती है।
– पाचन से जुड़ी समस्याओं जैसे अपच, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं को ठीक करने में यह आसन लाभदायक है।
– तितली आसन के नियमित अभ्यास से गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के समय होने वाले दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
– तितली आसन महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है।
– तितली आसन जांघ की मांसपेशियों के तनाव को कम करने में मदद करता है।
– मूत्र प्रणाली के लिए भी यह आसन काफी फायदेमंद है।
– पैरो की थकान दूर करने में सहायक है।
– तितली आसन के नियमित अभ्यास से शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर हो जाता है। इससे तनाव और अवसाद जैसी परेशानियों से निपटने में मदद मिलती है।

तितली आसन के समय रखें से सावधानी

किसी भी तरह के योगासन का लाभ व्यक्ति को तभी मिलता है, जब वह उसे नियमित रूप से सही ढंग से करें। लेकिन कई बार हम गलत या भ्रामक जानकारी के कारण योग तो नियमित रूप से करते हैं लेकिन इससे हमें वांछित लाभ प्राप्त नहीं होता। यही कारण है हम आपको तितली आसन के लाभ और तितली आसन की विधि (Butterfly posture method) के बाद इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में बता रहे हैं।

– तितली आसन के अभ्यास के दौरान अपनी रीढ़ को सीधा रखें।
– आसन के दौरान इस बात को सुनिश्चित करें कि आप इस आसन के दौरान आपके घुटनों पर अधिक जोर नहीं पड़ रहा हो।
– यदि आप घुटनों में अधिक खिंचाव महसूस करते हैं, तो समर्थन के लिए जांघों के नीचे एक कंबल रख सकते हैं।
– अगर आपको घुटनों में किसी प्रकार की चोट या दर्द हो तो आपको तितली आसन ना करने की सलाह आपको दी जाती है।
– यदि आपको साइटिका या पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो तो तितली आसन ना करें।
– तितली आसन करते समय अपने पैरों को ज्यादा जोर से नहीं हिलाना। जितना संभव हो धीरे – धीरे ही तितली आसन का अभ्यास करें।

कम शब्दों में

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने हमने आपको तितली आसन क्या हैं(What Is titli asana), तितली आसन के लाभ(titli asana ke labh), तितली आसन करने के तरीके(Ways to do butterfly posture) और तितली आसन के समय ध्यान रखने योग्य बातों की जानकारी विस्तार देने का प्रयास किया है। उम्मीद है तितली आसन योग(titli asana yoga) की जानकारियों से भरे इस लेख ने आपके सभी सवालों को हल करने का काम किया होगा।

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