सूर्य नमस्कार कैसे करें, इसके मंत्र क्या है और जानिए इसके लाभ

Blog title

योग की प्रणालियों में सूर्य नमस्कार (surya namaskar ) सबसे प्रसिद्ध अभ्यासों में से एक है। अपने चमत्कारिक शारीरिक और मानसिक लाभ के कारण सूर्य नमस्कार एक बेहद ही लोकप्रिय योग बना हुआ है। मौजूदा दौर में कई तरह के अध्ययनों के माध्यम से यह बात जगजाहिर हो चुकी है कि सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से व्यक्ति को कई तरह के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं। कई साधकों और योगियों की मानें तो सूर्य नमस्कार के बिना योग अभ्यास अधूरा ही होता है। यहां तक कि कई योगी और साधक तो सूर्य नमस्कार को अपने आप में ही पूरा अभ्यास मानते और बताते हैं। दरअसल यदि ऐसा कहा जाए कि योग अभ्यास की बुनियाद ही सूर्यनमस्कार (suryanamaskar ) है, तो गलत नहीं होगा। शरीर, सांसों और मन के तालमेल से किया जाने वाला यह अभ्यास स्वयं में ही पूर्ण योगाभ्यास है। हालांकि समय के साथ सूर्य नमस्कार के भी कई प्रकार विकसित हुए, लेकिन उनमें से कई आपस में बहुत हद तक एक समान ही हैं। सांसों और आसनों की गति में तालमेल सभी प्रकार के सूर्य नमस्कार की खासियत है। यहां हम आपको सूर्य नमस्कार करने के तरीके, सूर्य नमस्कार मंत्र सहित इससे जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी देंगे। आइए सूर्य नमस्कार के मंत्र और उसके लाभ के बारे में विशेष बातें-

सूर्य नमस्कार के लाभ

सूर्य नमस्कार हठ योग(Surya Namaskara hat yoga) का एक पूर्ण अभ्यास है। सूर्य की मुद्राओं का अभ्यास करने का मुख्य उद्देश्य उन सभी चक्रों को जागृत करना है, जो सामान्यतः नाभि के केंद्र में निष्क्रिय रहते हैं। इस प्रकार सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से आप शरीर और मस्तिष्क के बीच तालमेल बनाने और आपके आध्यात्मिक चक्रों को सुप्त अवस्था से उठने में मदद मिलती है। अब, आइए जानते हैं सूर्य नमस्कार के फायदे।
– सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से आपका पाचन तंत्र सक्रिय हो जाता है, इससे आपको अपने शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद मिलती है।
– सूर्य नमस्कार रक्त संचार को फिर से सुचारू करने का काम करता है। परिणाम स्वरूप त्वचा में प्राकृतिक चमक लौट आती है, झुर्रियों, बालों के झड़ने और बालों के सफेद होने से रोकता है।
– सूर्य नमस्कार अनिद्रा से जुड़ी परेशानियों को दूर करता है, यह तनाव को दूर करता है और मन को शांत करके नींद को प्रेरित करता है।
– सूर्य नमस्कार को अगर नियमित और सही प्रक्रिया से किया जाएं, तो इसकी सहायता से उच्च रक्तचाप की परेशानी को हल किया जा सकता है। इतना ही नहीं यह सिर्फ उच्च रक्तचाप नियंत्रित नहीं करता बल्कि यह दिल की नसों को भी मजबूती प्रदान करता है।
– सूर्य नमस्कार के दौरान किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के आसन मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूती देने का काम करते हैं। इसी के साथ यह आपके गर्दन हाथ और पैरों को भी मजबूत करने का काम करता है।
– सूर्य नमस्कार की सही विधि का नियमित उपयोग आपको ब्लड शुगर, चिंता, अवसाद, गुर्दे से जुड़ी बीमारी और अन्य तरह की कई बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में मदद करता है।

12 सूर्य नमस्कार मंत्र और महत्व

प्रत्येक सूर्य नमस्कार के चरण में बारह आसनों के दो क्रम होते हैं। ये सभी 12 योग आसन सूर्य नमस्कार (12 Surya Namaskar yoga) के एक क्रम को पूरा करते हैं। इसे आसान भाषा में कहें तो सूर्य नमस्कार की इन बारह योग क्रियाओं में कुछ योग को दो बार दोहराना होता है। पहले चरण के दूसरे क्रम में भी योग आसनों का वही क्रम दोहराना होता है। समय के साथ सूर्य नमस्कार के कई तरह के प्रारूप पाए जाते हैं, लेकिन सबसे बेहतर यही है कि आप किसी एक ही प्रारूप का नियमित रूप से अनुसरण करें।

सूर्य नमस्कार मंत्र सहित पूरी प्रक्रिया

प्राणायाम

यह सूर्य नमस्कार का पहला आसन है और इसे मंत्र के जाप के साथ किया जाना चाहिए।

सूर्य नमस्कार – प्राणायाम का मंत्र (pranayam mantra)
प्राणायाम के दौरन इस मंत्र का उच्चारण करें – मंत्र ओम मित्राय नमः!
एचथ्री – सूर्य नमस्कार – प्राणायाम कैसे करें (Surya Namaskar – How to do Pranayama)
दोनों हाथों को जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं। आंखें बंद रखें और अपना पूरा ध्यान आज्ञा चक्र पर केंद्रित करके प्राणायाम के लिए सूर्य नमस्कार मंत्र का उच्चारण करें।

हस्त उत्तानासन

हस्तउत्तानासन सूर्य नमस्कार का दूसरा योग है, इस योग के दौरान आपको अपने दोनों हाथों का उपयोग करते हुए मंत्र उच्चारण करना होता है।

सूर्य नमस्कार – हस्तउत्तानासन मंत्र(Surya Namaskar – Hastotanasana Mantra)
सूर्य नमस्कार के दूसरे योग हस्त उत्तानासन के दौरान आपको – ओम रवये नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।

सूर्य नमस्कार – हस्तउत्तानासन कैसे करें(Surya Namaskar – How to do Hastotanasana)
श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से चिपकाते हुए ऊपर की ओर उठाएं और अपनी भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं। ध्यान को गर्दन के पीछे विशुद्धि चक्र पर केंद्रित करें।

हस्तपादासन

हस्त पादासन सूर्य नमस्कार के क्रम में तीसरा योग है, इसे करते समय आपको अपने हाथों को अपने पैरों के पास लाते हुए विशेष सूर्य नमस्कार मंत्र का जाप करना चाहिए।

सूर्य नमस्कार – हस्त पादासन मंत्र (Surya Namaskar – Hasta Padasana mantra)
सूर्य नमस्कार हस्तपदासन करते हुए आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए – ओम सूर्याय नमः।
एचथ्री – सूर्य नमस्कार – हस्त पादासन कैसे करें (Surya Namaskar – How to do hasta padasana)
हस्त पादासन की स्थिति में सांस को धीरे – धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुकें। हाथ गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे जाकर पैरों के दाएं – बाएं पृथ्वी का स्पर्श करें। घुटने सीधे रखें। माथे को घुटनों से स्पर्श होने दें और अपना पूरा ध्यान नाभि के पीछे मणिपूरक चक्र पर केन्द्रित करते हुए कुछ क्षण इसी स्थिति में रुकें। हालांकि हस्त पादासन कमर एवं रीढ़ की परेशानी वाली लोगों को नहीं करने सलाह दी जाती है।

अश्व संचालन

सूर्य नमस्कार के क्रम में चौथा योग अश्व संचालन है, इस योग को करते हुए आपके मुद्रा किसी अश्व वाहक की तरह दिखाई देती है। इसलिए इसे अश्व संचालन योग कहा जाता है।

सूर्य नमस्कार – अश्व संचालन मंत्र (Ashwa Sanchalanasana mantra)
अश्व संचालन मुद्रा के दौरान आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए – ओम भानवे नमः।

अपनी तीसरी मुद्रा से आगे बढ़ें और सांस लेते हुए बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं। छाती को खींचकर आगे की ओर तानें, गर्दन को अधिक पीछे की ओर झुकाएं। पैर तने हुए सीधे पीछे की ओर खिंचाव और पैर का पंजा खड़ा रखें। इस स्थिति में कुछ समय रुकें। इस दौरान अपना पूरा ध्यान को स्वाधिष्ठान अथवा विशुद्धि चक्र पर ले जाएं। मुखाकृति सामान्य रखते हुए मंत्र का जाप करें।

दंडासन

दंडासन सूर्य नमस्कार क्रम का पांचवा योग है, इस योग की मुद्रा बेहद सामान्य है, जिसे हम दंड के नाम से जानते है।

सूर्य नमस्कार – दंडासन मंत्र( Dandasana mantra)
सूर्य नमस्कार दंडासन योग के दौरान इस मंत्र का जाप करें – ओम खगाय नमः।

सूर्य नमस्कार – दंडासन योग कैसे करें (Surya Namaskar – How to do dandasana)
चौथी मुद्रा में आगे बढ़ते हुए अपनी सांस को धीरे धीरे बाहर छोड़ते हुए दाएं पैर को भी पीछे ले जाएं। दोनों पैरों की एड़ियां परस्पर मिली हुई हों। पीछे की ओर शरीर को खिंचाव दें और एड़ियों को जमीन पर मिलाने का प्रयास करें। नितम्बों को अधिक से अधिक ऊपर उठाएं। गर्दन को नीचे झुकाकर ठोड़ी को कंठकूप पर लगाएं। इस दौरान मंत्र का उच्चारण करते रहे और ध्यान सहस्रार चक्र पर केन्द्रित करें।

अष्टांग नमस्कार

सूर्य नमस्कार का छठा योग अष्टांग नमस्कार है, इस योग को करते समय आपके शरीर के आठ अंग जमीन को छूने चाहिए।

सूर्य नमस्कार – अष्टांग नमस्कार मंत्र (Ashtanga Namaskara mantra)

अष्टांग नमस्कार करते हुए आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए – ओम पूष्णे नमः।

सूर्य नमस्कार – अष्टांग नमस्कार कैसे करें(Surya Namaskar – How to do ashtanga namaskara)

आराम से दोनों घुटने जमीन पर लेकर आएं और सांस छोडें। अपने कूल्हों को पीछे ऊपर की ओर उठाएं और पूरे शरीर को आगे की ओर खिसकाएँ अपनी छाती और ठुड्डी को जमीन से छुएं। अपने कुल्हों को थोड़ा उठा कर ही रखें अब दो हाथ, दो पैर, दो घुटने, छाती और ठुड्डी कुल मिलाकर शरीर के आठ अंग जमीन को छूते हुए होने चाहिए।

भुजंगासन

भुजंग आसन सूर्य नमस्कार का सातवां योग है, इस योग को करते समय आपकी मुद्रा किसी भुजंग मतलब सांप की तरह दिखाई देती है।

सूर्य नमस्कार – भुजंगासन मंत्र (Bhujangasana mantra)
सूर्य नमस्कार के सातवें योग भुजंगासन को करते समय आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए – ओम हिरण्यगर्भाय नमः।

सूर्य नमस्कार – भुजंगासन कैसे करें (Surya Namaskar – How to do Bhujangasana)

आगे की ओर सरकते हुए, भुजंगासन में छाती को उपर उठाएं कोहनियां मुड़ी रह सकती हैं। कंधे कानों से दूर और दृष्टि ऊपर की ओर रखें। इस अवस्था में सांस लेते हुए छाती को आगे की तरफ धकेलने का सहज प्रयास करें।

पर्वत आसन

सूर्य नमस्कार का आठवां आसन पर्वत आसन के नाम से जाना जाता है। इस आसन को करने के दौरान अपनी मुद्रा किसी पहाड़ की तरह शंकू आकार में दिखाई देती है।

सूर्य नमस्कार – पर्वत आसन मंत्र(Parvatasana mantra)

पर्वत आसन करते समय इस मंत्र का जाप करें – ओम मरीचये नमः

सूर्य नमस्कार – पर्वत आसन कैसे करें (Surya Namaskar – How to do Parvatasana)

सांस को धीरे – धीरे बाहर छोड़ते हुए अपने दाएं पैर को भी पीछे ले जाएं। दोनों पैरों की एड़ियां परस्पर मिलनी चाहिए। पीछे की ओर शरीर को खिंचाव दें और एड़ियों को धरती पर टिकाने का प्रयास करें। नितम्बों को अधिक से अधिक ऊपर उठाएं। गर्दन को नीचे झुकाकर ठोड़ी को कण्ठकूप में लगाएं। इस दौरान आपका ध्यान सहस्रार चक्र पर केन्द्रित होना चाहिए।

अश्व संचालन

सूर्य नमस्कार की यह मुद्रा हमने शुरूआत में तीसरे क्रम में पूरी की थी लेकिन सूर्य नमस्कार के क्रम में हम इसे नवें नंबर पर भी दोहराते हैं।

सूर्य नमस्कार – अश्व संचालन मंत्र(Ashwa Sanchalanasana mantra)

अश्व संचालन योग के दौरान आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए – ओम आदित्याय नमः।

सूर्य नमस्कार – अश्व संचालन योग कैसे करें (Surya Namaskar – How to do Ashwa Sanchalanasana)

श्वास लेते हुए दाहिना पैर दोनों हाथों के बीच ले जाएं, बाएं घुटने को जमीन पर रख सकते हैं। दृष्टि ऊपर की ओर रखें, दाहिने पंजे को दोनों हाथों के बीच में रखें और दाहिनी पिंडली को जमीन के लंबवत रखें। कूल्हों को नीचे की तरफ ले जाने का प्रयास करें ताकि खिंचाव को गहराता हुआ अनुभव किया जा सकें।

हस्तपादासन

सूर्य नमस्कार के क्रम में दसवां योग हस्त पादासन है इस योग को हमने शुरूआती दौर में भी किया है। हस्त-पादासन इस दौर में हमें अलग मंत्र उपयोग करना होगा।

सूर्य नमस्कार – हस्त पादासन मंत्र (Surya Namaskar – Hasta Padasana mantra)

हस्त पादासन योग के दौरान आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए – ओम सवित्रे नमः।

सूर्य नमस्कार – हस्त पादासन कैसे करें(Surya Namaskar – How to do Hastotanasana)

हस्त पादासन के दौरान सांस को धीरे – धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुकें। हाथ गर्दन के साथ कानों से सटे हुए नीचे जाकर पैरों के दाएं – बाएं पृथ्वी का स्पर्श करें। घुटने सीधे रहें। माथा घुटनों का स्पर्श करता हुआ ध्यान नाभि के पीछे मणिपूरक चक्र पर केन्द्रित करते हुए कुछ क्षण इसी स्थिति में रुकें। कमर एवं रीढ़ की परेशानी से जूझ रहे लोग यह योग न करें।

हस्त उत्तानासन

सूर्य नमस्कार के क्रम दूसरे नंबर के योग हस्तउत्तानासन को हम ग्यारहवें नंबर पर भी दोहराते हैं। हालांकि इसके मंत्र में अंतर होता है।

सूर्य नमस्कार – हस्त उत्तनासना मंत्र (Surya Namaskar – Hastotanasana Mantra)

सूर्य नमस्कार के ग्यारहवें क्रम में हस्त उत्तानासन के दौरान आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए – ओम अर्काय नमः।

सूर्य नमस्कार – हस्त उत्तनासना कैसे करें(Surya Namaskar – How to do Hastotanasana)

श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाते हुए ऊपर की ओर उठाएं और हाथों को गर्दन के पीछे की ओर झुकाएं। इस दौरान अपना ध्यान विशुद्धि चक्र पर केंद्रित करें।

प्राणायाम

सूर्य नमस्कार की शुरुआत और अंत प्राणायाम के साथ ही होता है, प्राणायाम के लिए हम ठीक वही प्रक्रिया का पालन करते हैं, जो सूर्य नमस्कार के शुरुआत में करते हैं। हालांकि इसका मंत्र अलग है।

सूर्य नमस्कार – प्राणायाम का मंत्र (pranayam mantra)

प्राणायाम के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करें – ओम भास्कराय नमः।

सूर्य नमस्कार प्रणायाम कैसे करें (Surya Namaskar – How to do Pranayama)

सूर्य नमस्कार क्रम में पहले नंबर पर बताए गए प्राणायाम कैसे करें विधि को दोहराएं।

8 Health Benefits of Surya Namaskar That Can’t Be Overlooked.
Best Yoga Poses for Weight Loss.
Vinyasa Yoga: All You Need To Know – Postures, Sequences,and; More.

Talk to Online Therapist

View All

Continue With...

Chrome Chrome