हठ योग आसन: एक कदम दर कदम गाइड

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इससे पहले कि हम हठ योग के आसन पर ध्यान दें, इससे पहले हमे यह समझना होगा कि हठ योग क्या है? (What is hatha yoga) हठ योग, योग की मूल प्रक्रिया है। हठ एक संस्कृत शब्द है, जहां ह सूरज को दर्शाता है और ठ चांद को दर्शाता है। हठ योग आपके भीतर सूर्य और चंद्रमा को संतुलित करने का योग है। यदि हठ योग को एक पंक्ति में समझा जाये, तो यह कहा जा सकता है कि हठ योग संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य के लिए वरदान की तरह है। इसके साथ विभिन्न आयाम जुड़े हुए हैं। इसमें मानसिक और भावनात्मक स्तर की चेतना शामिल है।

स्वाभाविक रूप से हमारे पास ऐसे कई आसन हैं जो हमारी भावनात्मक स्थिति से जुड़े हैं। हठ योग (hatha yoga) आपके शरीर को एक अलग मुद्रा में लाने पर केंद्रित है। इसलिए, यदि हम ज्ञान मुद्राओं को सचेत रूप से संरेखित कर सकें तो हमारी मानसिक स्थिति को भी संरेखित कर सकते हैं।

योग केवल व्यायाम का एक रूप नहीं है। यह ऊर्जा से भी संबंधित है, इसकी सहायता से आप एक निश्चित तरीके से इन ऊर्जाओं को प्रवाहित कर सकते हैं। हठ योग आसन (Hatha Yoga Asanas) इन ऊर्जाओं को स्वयं के साथ बहन में मदद करने वाली एक स्थिति हैं।

हठ योग आसन एक आसन है, जिसका अर्थ है शारीरिक मुद्राएं हैं । हठ योग में कई तरह की मुद्राएं शामिल हैं। फिलहाल हमने हठ योग की मुद्राओं में से 84 हठ योग आसनों (84 Hatha Yoga Asanas) की आंशिक रूप से पहचान की है।

84 हठ योग आसन (84 Hatha Yoga Asanas)

जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, हठ योग के 84 आसन हैं। हम यहां इन सभी हठ योग आसनों का उल्लेख करने के साथ – साथ उनके शुरुआती, मध्यवर्ती और उन्नत स्तरों के बारे में भी चर्चा करेंगे। 

शुरुआती हठ योग (Basic Hatha Yoga Poses)

हस्तपादासन / पादहस्तासन (Hastapadasana/Padahastasana)

इस आसन को उदिता पश्चिमोत्तानासन के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन का उपयोग मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए किया जाता है, जो आपके घुटनों, कूल्हों और पैरों को मजबूती देने का कार्य करता है।

तड़ासन (Tadasana)

ताड़ासन की स्थिति ताड़ के पेड़ जैसी दिखती है। यह आपके दिमाग को तरोताजा करने में मदद करता है और तंत्रिका तंत्र का कायाकल्प भी करता है। बच्चे इस आसन को कर सकते हैं, यदि बच्चे अपनी हाइट बढ़ाना चाहते हैं तो वे तड़ासन का उपयोग कर सकते हैं।

वृक्षासन / एकपाद प्राणायाम (Vrikshasana/Ekapada Pranamasana)

यह एक ऐसा आसन एक आसन है जिसमें आपकी मुद्रा किसी पेड़ की तरह दिखाई देती है। यह आसन शरीर और दिमाग दोनों के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। प्राचीन काल में ऋषियों ने दैनिक जीवन में स्वास्थ्य और धन अर्जित करने के लिए वृक्षासन को एक अचूक योग बताया है।

त्रिकोणासन (TRIKONASANA (Triangle II))

त्रिकोणासन ”एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है त्रिकोण और आसन। यह आसन एकाग्रता और शारीरिक संतुलन को बेहतर बनाता है, जिससे पैरों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।

स्वस्तिकासन

यह सबसे सरल आसनों में से एक है, और कोई भी इसका अभ्यास कर सकता है। ध्यान के लिए स्वस्तिक योग मुद्रा सर्वश्रेष्ठ योग मुद्राओं में से  एक है। यह उन लोगों के लिए बेहद लाभदायक है, जो योग शुरु करना चाहते हैं। आप इसे दिन में एक या इससे अधिक बार भी कर सकते हैं। स्वस्तिकासन आपकी आपकी मांसपेशियों को आराम देने का कार्य करता है। यह आपको थकान और दर्द से राहत देने का कार्य भी करता है। स्वस्तिकासन आपकी मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है, जिससे आपके शरीर से दर्द और तनाव कम होता है। इस योग के नियमित अभ्यास से आप बेहद हल्का और सक्रिय महसूस करते हैं।

मध्यवर्ती हठ योग (Intermediate Hatha Yoga Positions)

वीरभद्रासन या योद्धा मुद्रा (Virabhadrasana (Warrior Pose))

वीरभद्रासन का अर्थ एक योद्धा मुद्रा है, और यह भी कहा जाता है कि इस आसन को भगवान शिव ने दक्ष राजा को मारने के लिए बनाया था। यह आसन आपके हाथों, पीठ, टखने और पीठ को मजबूत बनाता है। यह रक्त परिसंचरण और श्वसन को उत्तेजित करता है।

वीरभद्रासन -2 या योद्धा मुद्रा - 2 (Virabhadrasana (Warrior II)

वारियर पोज मध्यवर्ती हठ पोज की श्रृंखला में दूसरा पोज है। इस मुद्रा को शक्तिशाली खड़े आसनों में से एक माना जाता है, जो शरीर की निचली मांसपेशियों को राहत देने का कार्य करता है। यह आपके पेट को टोन करता है और ऐंठन जैसी समस्याओं से राहत देता है। 

वीरभद्रासन तृतीय (Virabhadrasana (Warrior III), (Warrior IV), (Warrior V)

वीरभद्रासन का वर्णन एक हजार सिर, हजार आंखें, हजार फीट झूलते बाघ की त्वचा से है। वीरभद्रासन के ये तीनों ही पोज स्थिति में भिन्न होते हैं। हालांकि, ये सभी आपके पूरे शरीर स्वास्थ्य करने के लिए समग्र रूप से लाभकारी है। वैसे सामान्य रूप से वीरभद्रासन की मुद्राएं आपके शरीर के निचले हिस्से जैसे कूल्हे या कमर को मजबूत बनाने के लिए उपयुक्त हैं।

उन्नत हठ योग (H2:Advanced Level Hatha Yoga Sequences)

वीरभद्रासन 6 (योद्धा पोज 6) (Virabhadrasana (Warrior VI)

वीरभद्रासन 6 को भक्तिमय, विनम्र योद्धा के रूप में भी जाना जाता है। यह सभी 6 पोज में सबसे मुश्किल है। यह कंधे और कूल्हों को को मजबूत करने में मदद करता है।

पार्वतीता त्रिकोणासन (मुड़ त्रिकोण) (Parvartita Trikonasana (Twisted Triangle)

यह आसन शरीर और मन दोनों के बीच चेतना और जागरूकता बनाने में मदद करता है। अपने भटकने वाले दिमाग को नियंत्रित करने के साथ – साथ यह आपके पैरों को भी टोन करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।

युद्धासन (लड़ता हुआ योद्धा) (Yudhasana (Fighting Warrior)

यह आसन पैरों को मजबूत बनाता है और रीढ़ को जरूरी लचीलापन प्रदान करता है। यह एकाग्रता और इच्छाशक्ति में सुधार करने में भी मदद करता है।

नटराज मुद्रा (नर्तक मुद्रा) (Natraj (Dancers Pose)

यह मुद्रा शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम से ली गई है। यह रीढ़ को संरेखित करता है और तनाव को कम करता है, जो या तो खराब मुद्रा या लंबे समय तक बैठने के कारण हो सकता है।

गरुड़ासन (इगल पोज) (Garudasana (Eagle Pose)

इस आसन का नाम पौराणिक हिंदू देव गरुड़ से लिया गया है जो पक्षियों के राज है। गरुड़ भगवान विष्णु का वाहन भी है। ईगल पोज ऊपरी पीठ को फैलाता है और टखने, कूल्हों और जांघों को मजबूत करता है।

उत्कटासन (Utkatasana (Chair with Heels Down))

यह आसन सबसे आसान आसनों में से एक है। उत्कटासन या चेयर पोज आपके लचीलेपन को बढ़ाने का कार्य करता है। उत्कटासन को करने से आपकी जांघें, घुटने मजबूत होंगे और आपका कंधा भी मजबूत होगा। आगे बढ़ते हैं और अन्य हठ योग आसनों और उनके सचित्र चित्रण को देखते हैं।

– तुलादंड़ासना या टेबलेटॉप पोज (Tuladandasana Tabletop Pose)
– उप्पस्थाबध उत्तानासन 90 डिग्री फारवर्ड बेंड (Uppasthabadha Uttanasana 90 Degree Forward Bend)
– प्रत्यक उत्तानासन 90 डिग्री बैक बेंड (Pratyak Uttanasana Back Bend)
– पार्श्वोत्तानासन प्रार्थना मुद्रा में पीछे की ओर हाथ (Parsvottanasana Hands in Prayer in Back)
– उत्तीटा योग मुद्रा स्टेंडिंग योग मुद्रा (Utthita Yoga Mudra Standing Yog Mudra)
– उत्तनासना झुकी हुई आगे बढ़ती मुद्रा (Uttanasana Standing Forward Bend)
– प्रवोत्तनासन घुटने पर मुड़े हुए (Parvotanassan Bending to Knee)
– पार्शव पादोत्तानासन हाथों से टखने तक(Parshav padottanasan Hands to Ankles)
– परासारिता पदोत्सना फॉरवर्ड बेंड, पैर अलग, सिर फर्श पर (Parsarita Padottasana Forward Bend, Feet Apart, Head on Floor)
– हाथों को अलग रखते हुए परासारिता पदोत्तानासन -2 (Parsarita Padottasana II With Hand Variation)
– उदिता हस्त्पदंगुष्ठासन खड़े हाथ से पैर की अंगुली (Uthita Hastpadangushthasan Standing Hand to Toe)
– मुरघासन रोस्टर पोज (Murghasana Roster Pose)
– सिद्धासन मास्टर्स पोज (Siddhasana Masters Pose)
– सुखासन (Sukhasana Easy Sitting Pose)
– स्वस्तिकासन स्वस्तिक मुद्रा (Swastikasana Swastik Pose)
– अर्ध पद्मासन आधा कमल (Ardha Padmasana Half Lotus)
– वज्रासन हीरा मुद्रा (Vajrasana Diamond Pose)
– वीरासन योद्धा मुद्रा (Veerasana Sitting Warrior)
– ब्रह्मचर्यसन ब्रह्मचर्य मुद्रा (Brahmacharyasana Celibacy Pose)
– वीरासन – 2 हीरो (Veerasana II Hero with Hips of heels)
– सिंहासन सिंह मुद्रा (Simhasana Lion Pose)
– उपविष्ट ताड़ासन पर्वत मुद्रा (Upavistha Tadasana Sitting Mountain Pose)
– उपविष्ट गरुड़ासन ईगल पोज (Upavishta Garudasan Sitting Eagle)
– मंडोकासन (Mandokasan)
– मंडोका आसन – 2 (Mandok asana II)
– कागासाना (Kagasana)
– मालासन (Malasan)
– मांडूकसाना जंपिंग फ्राॅग (Mandukasana Jumping Frog)
– भदहकोन आसन बटरफ्लाई पोज (Bhaddhakon asana Butterfly Pos)
– रॉकिंग बेबी / लेग क्रैडल ( Rocking Baby / Leg Cradle)
– फीडिंग बेबी पोज (Feeding Baby + Holding Opposite Leg)
– कुर्मासन कछुआ मुद्रा (Kurmasana Turtle)
– निषादिता आसन स्क्वाटिंग पोज (Nishadita asan Squatting Pose)
– एक पैर की अंगुली पर पद्मासन और प्रार्थना की स्थिति (Prapadasana On one Toe and Prayer Position)
– जानुशीर्षन फॉरवर्ड बेंड (Janushirshasan Forward Bend)
– पार्वतीत जनुशीर्षन (Parvartit Janusheershasan)
– पाश्र्व पाश्चिमोत्तानासन मुड़े हाथों से आगे की ओर झुकें (Parshav Paschimottanasana Twisted Forward Bend with Crossed Hands)
– विपरीत कर्णी (Vipreet Karni)
– उत्तानपादासन होल्डिंग लेग 45 डिग्री में (Utthanpadasana Holding Leg Raise in 45 Degree)
– नौकासाना नाव मुद्रा (Naukasana Boat)
– मेरूदंडासन होल्डिंग एंकल (Merudandasana Holding Ankles on the Floor)
– सिद्घ योग मुद्रा (Sidana Yog Mudra Sitting Yoga Mudra)
– बिडला तुलाना (Bidala Tulana On All Fours)
– बिडला तुलाना – 2 बांह और पैर (Bidala Tulana II Extending opp. Arm and Legs)
– मरजरासन बिल्ली मुद्रा (Marjaryasana Cat)
– मरजरासन – 2 गाय मुद्रा (Marjaryasana II Cow)
– परिघासन द्वार मुद्रा (Parighasana / Gate Pose)
– अंजनायासन या हनुमानासन (Anjaneyasana / Hanumanasana)
– उस्त्रासन कैमल पोज (Ustrasana Camel)
– कपोतसाना कबूतर मुद्रा (Kapotasana Pigeon)
– पूर्ण भुजंगासन किंग कोबरा पोज (Poorna Bhujangasana King Cobra)
– अधोमुख शवासन अधोमुख श्वान मुद्रा (Adhomukha Svanasana Downward Facing Dog)
– उर्ध्वा मुख संवासना ऊर्ध्व मुख श्वान (Urdhva Mukha Svanasana Upward Facing Dog)
– व्याघ्रासन ( Vyaghrasana On 4s, Knee to Nose)
– व्याघ्रासन टाइगर पोज विस्तारित (Vyaghrasana II Tiger Pose Extended Chest)
– चक्रासन व्हील पोज (Chakrasana Wheel Pose)
– गर्भासन मुद्रा (Garbhasana Womb Pose)
– घुटनों के बल कर्णपिडासन हल (Karnapidasana Plough with Knees Bend)
– कर्णपिडासन – 2 एक तरफ पैर के साथ (Karnapidasana II With Legs one Side)
– सुप्तकोन आसन – 2 (Suptakon asana II Hands to Ankles with Feet Apart in Plough)
– उर्ध्व मुख पस्चिमोत्तानासन आगे की ओर झुकें (Urdhva Mukha Paschimottanasana Forward Bend on the Back)
– जथाता प्रवीणतासन पीठ और सर्पिल आकार में मुड़ना (Jathata Pravittanasana Lying on Back and Spiral Twist)
– सीधे घुटनों के साथ जत्था प्रवीणतासन – 2 (Jathata Pravittanasana II Spiral Twist with Knee Straight)
– सुप्ता वीरासन सोता वारियर पोज ( Supta Virasana Sleeping Warrior)
– अर्द्ध मत्सयासन कूल्हों के लिए (Ard Matsyasana Fish with Heels to Hips)
– अकर्न धनुरासन शूटिंग बो पोज (Akarn Dhanurasana Shooting Bow)
– वसिष्ठासन साइड टेबल (Vasisthasana Side Table)
– एकपाद शीर्षासन सिंगल लेग हेडस्टैंड (Ekapada Shirshasana Single Leg HeadStand)

कम शब्दों में (Conclusion)

योग आसन के उपरोक्त प्रकार आपके लिए थे। आप इनमें से किसी भी आसन को अपने लिए चुन सकते हैं। आप इसे लचीलेपन और अपने शरीर के उस भाग के अनुसार चुन सकते हैं जहां आप ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। यह न केवल आपको उन भौतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा जो आपने खुद के लिए निर्धारित किए हैं, बल्कि आपको अपनी भावनाओं को संरेखित करने और उन पर नियंत्रण रखने में भी मदद करेंगे। यह आपके शरीर को तनाव को मुक्त करेगा, जिससे आप आराम, शांत और नयापन महसूस करेंगे।

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