स्वस्थ जीवन का मार्ग है योग, जानें योग का महत्व और इसके लाभ

योग न तो कोई धर्म नहीं है और न किसी व्यायाम का रूप, इतना ही नहीं योग कोई फैशन ट्रेंड भी नहीं है, योग के बारे में अगर हम बात करें यह कह सकते हैं कि यह जीने का एक तरीका (importance of yoga in life) है, जो स्वस्थ मन और शरीर की ओर लक्षित है। योग का सरल लक्ष्य एक व्यक्ति को अपने बाहरी आवरण से ऊपर उठने और ज्ञान प्राप्त करने में मदद करना है। योग व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अस्तित्व के संतुलित विकास को बढ़ावा देता है।

थोड़ा झुकना, थोड़ा मुड़ना और किसी पोज में आकर यह सोचना कि हम योग कर रहे हैं, तो यह गलत होगा, क्योंकि सही मायनों में देखें तो योग का अर्थ झुकने, खुद को मोड़ने या अपनी सांसों पर ध्यान रखना नहीं, बल्कि योग खुद को एक ऐसी अवस्था में लाने की एक तकनीक है, जहां आप वास्तविकता को देखते हैं और उसका अनुभव करते हैं। यदि आप उत्साह और परमानंद की प्राप्ति के लिए अपनी ऊर्जाओं का सही तरीके से उपयोग करते हैं, तो आपकी इंद्रियों का विस्तार होता है। आप पूरे ब्रह्मांड को अपने आप में एक भाग के रूप में अनुभव करते हैं। यानी योग एक संघ बनाता है, जिसमें सभी एक के रूप में एकजुट होते हैं।

योग के कई आध्यात्मिक लाभ भी हैं, लेकिन इसके बारे में बताने से ज्यादा अच्छा है, इसे खुद महसूस करें। आप खुद योग का अभ्यास कर आध्यात्मिक लाभ को हासिल कर सकते हैं और इसे महसूस कर सकते हैं। योग के फायदे भी हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। यही नहीं योग के कई आसन हैं जो आपके शरीर के अंगों पर अलग-अलग प्रभाव डालते हैं। ऐसे में आप किसलिए योग करना चाहते हैं, इस बात को ध्यान में रख अगर अभ्यास करेंगे, तो आपको ज्यादा लाभ होगा, क्योंकि योग से आप अपनी शारीरिक मुद्रा में सुधार करने के साथ ही अलग-अलग शारीरिक अंगों को भी लाभ पहुंचा सकते हैं। इसके लिए एक प्रशिक्षक से सलाह लेकर आगे बढ़ना ज्यादा बेहतर होगा।

क्या आधुनिक जीवन में योग का महत्व है?

आधुनिक जीवन हमें सुकून देता है। इसमें कुएं से पानी नहीं निकालना है बल्कि वाहनों पर स्कूलों और कॉलेज जाना और अपने शरीर को शेप देने के लिए जिम की सदस्यता लेना आदि शामिल है। हालांकि आसान तौर पर यह समझ सकते हैं कि अपने जीवन को आरामदायक और सुविधाजनक बनाने के लिए हम मोटापा, उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी समस्याओं को आमंत्रित करते हैं। यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि हमारे चारों ओर उन्नत चिकित्सा सुविधाएं हैं और फिर भी हम एक तनावपूर्ण, अस्वस्थ और अस्थिर जीवन जी रहे हैं। इस अराजकता के बीच योग हमें मन, शरीर और आत्मा को शांति प्रदान कर सकता है। इसके अलावा, योग हमारे जीवन में अधिक वैल्यू भी जोड़ रहा है।

आधुनिक जीवन में योग का काफी महत्व है, जिसे देखने की जरूरत है। योग हमारे फोकस अवधि में सुधार करता है, हमारी मेमोरी को तेज करता है और रचनात्मकता को बढ़ाता है। विद्यार्थियों के लिए भी यह काफी लाभदायक (importance of yoga for students)है। सकारात्मक मानसिकता और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए, योग आवश्यक है। यह वही है जो पुराने समय में परंपरागत रूप से लोगों द्वारा किया जाता था।

हमारे दैनिक जीवन में योग का महत्व बहुत है। यह हमें भावनात्मक स्थिरता देता है, लेकिन योग का अभ्यास हमें इसे रोकने में मदद कर सकता है। योग से होने वाले फायदों की सूची में कई अन्य लाभों को भी जोड़ सकते हैं, जिसमें योग हमारी मांसपेशियों की ताकत, सहनशक्ति में सुधार कर सकता है, प्रतिरक्षा और मानसिक स्थिरता लाता है। आधुनिक जीवन में योग का महत्व अंतहीन है। योग आपको जो सबसे अच्छा सबक सिखाता है वह यह है कि आप वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करें।

योग के क्या लाभ हैं?

प्राचीन काल से भारत में योग का अभ्यास किया जाता रहा है। आज, दुनिया भर में लोग प्रेरणा और विभिन्न योग के लिए भारत की और देखते हैं। यदि हम स्वयं और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखना चाहते हैं, तो एक बात समझना होगा कि योग प्रत्येक मनुष्य के लिए आवश्यक है।

योग के लिए उम्र की कोई बाधा नहीं है, क्योंकि किसी भी आयु वर्ग द्वारा योग का अभ्यास किया जा सकता है। योग करने के लिए आपके भीतर स्टंट स्किल का होना भी जरूरी नहीं है। अपने दैनिक जीवन में योग को शामिल करके, आप आत्म-ज्ञान और आत्म-प्राप्ति के मार्ग पर चल सकते हैं। अनुशासन, सकारात्मक सोच, दृढ़ता, उचित अभिविन्यास, प्रार्थना, विनम्रता और दयालुता आदि ये कुछ अन्य गुण हैं, जिन्हें हम योग के जरिए प्राप्त कर सकते हैं।

जब आपका स्वास्थ्य अच्छा होगा, तभी आपका जीवन सार्थक है। यदि स्वास्थ्य अच्छा नहीं है, तो हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं होंगे और अगर लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होगी तो खुश भी नहीं रहेंगे। अगर आप कहते हैं कि स्वास्थ्य सब कुछ नहीं है, तो हम इस बात से सहमत हैं, लेकिन एक यह भी समझ लें कि स्वास्थ्य के बिना अगर आपके साथ सब कुछ है तो भी वह कुछ नहीं है।

एकाग्रता में सुधार करता है और केंद्रित रहने में मदद करता है

अगर हम आपके कहें कि कि हर दिन योग का अभ्यास करने से हमारी आईक्यू और मेमोरी में सुधार होता है, तो क्या होगा। काफी दिलचस्प बात है, है ना हमारी जो आधुनिक जीवनशैली है, इसमें प्रतिदिन हमारा ध्यान स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी और सोशल मीडिया पर ही ज्यादा रहता है। ऐसे में खुद को राहत देने के लिए योग एक बेहतर माध्यम हो सकता है। यह आपको वर्तमान समय में लाता है और हमें केंद्रित रहने में मदद करता है।

शहर में रहने वाले लोगों के लिए योग जादू की छड़ी की तरह काम कर सकता है। अपने व्यस्त कार्यक्रम में से समय निकालकर योग का नियमित अभ्यास आपके को-ऑर्डिनेशन और रिएक्शन टाइम में भी सुधार कर सकता है। यह उनकी एकाग्रता में भी सुधार करता है और उन्हें अपने विचारों से कम से कम विचलित होने में मदद करता है।

योग आपके लचीलेपन को बढ़ाता है

हो सकता है कि आपने कभी सुना हो कि योग करने के लिए लचीला और स्लिम-ट्रिम होना चाहिए, तो आप इसे नजरंदाज कर सकते हैं बल्कि आपको इसे नजरंदाज कर देना चाहिए, क्योंकि यह ठीक विपरीत है। कई लोग लचीला शरीर प्राप्त करने के लिए योग करना शुरू कर देते हैं। योग की मुद्राएं, स्थिति और क्रम शरीर की गति को बढ़ाने में मदद करती हैं। योग से आपकी मांसपेशियों में खिंचाव होता है और नर्व्स में सॉफ्टनेस आती है, जो मांसपेशियों के लिए बेहतर साबित होती है। इससे आपको कई दूसरे शारीरिक और मानसिक लाभ भी होते हैं।

एक बात जान लें कि बढ़ती उम्र के साथ आपकी मांसपेशियां स्वाभाविक रुप से अपना ताकत खो देती है, जिससे उसमें कठोरता आ सकती है। इससे आपका लचीलापन कम हो सकता है। ऐसे में समग्र फिटनेस के लिए मांसपेशियों में लचीलापन बनाए रखना जरूरी है।

अगर आप अपना लचीलापन जांचना चाहते हैं तो विशेषज्ञों के मुताबिक जो तरीका है वह यह है कि आप सीधे खड़े होने के बाद अपनी पैर की अंगुलियों को छूने का प्रयास है। अगर नहीं, तो यह समझ लें की आपका लचीलापन खत्म हो रहा है और आपको इसके लिए प्रयास करने की जरूरत है।

योग आपको ताकत बनाने में मदद करता है

योग एक ऐसा कसरत है, जिसमें पूरा शरीर शामिल होता है और इस कारण फायदा भी पूरा होता है, लेकिन इसका असर काफी धीमा होती है। नई माताओं के लिए योग बहुत महत्वपूर्ण है। यह उनके शरीर को मजबूत करने के साथ ही उन्हें वापस अपने आकार में आने में मदद करेगा। योग में विभिन्न पोज का असर हमारे शरीर पर पड़ता है औऱ स्थिति में लगातार बदलाव आता रहता है। ऐसा कर हम अपनी मांसपेशियों को मजबूत करते हैं जो हमारे शरीर के लिए बेहतर होता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि योग का नियमित अभ्यास हमारी मांसपेशियों को टोन करता है और हमें अधिक आकर्षक दिखने में मदद करता है।

व्यक्तिगत और कामकाजी जीवन को संतुलित करना कई बार परेशानी भरा हो सकता है। इन व्यस्त शेड्यूल के कारण हमें काफी चिंता होती है और ऊर्जा का स्तर भी कम महसूस होता है। ऐसे में योग यहां हमारे बचाव में आता है, क्योंकि यह हमारे जीवन के साथ ही मन की शांति प्रदान करता है। आधुनिक जीवन में योग का एक महत्व यह भी है कि यह हमारी ऊर्जा स्तर में होने वाले उतार-चढ़ाव को शांत करने में मदद करता है। योग आपको दुबला और पतला बना सकता है, लेकिन इसके लिए यह केवल एक व्यायाम नहीं है। योग का मुख्य उद्देश्य हमें मजबूत मांसपेशियों के निर्माण में मदद करना है। यह हमारे कोर और समग्र को भी मजबूत करने के लिए एक अद्भुत अभ्यास है। इस बात से कोई इंकार नहीं करता है कि अगर लंबे समय तक हमारी मांसपेशियां मजबूत हो तो हम केवल अच्छा दिखने की तुलना में अधिक अच्छा दिखते हैं।

योग से होता है मुद्रा (Posture) में सुधार

योग किसी भी असंतुलन की स्थिति में सुधार कर सकता है, क्योंकि यह हमारे पूरे शरीर को मजबूत करने के साथ ही उसे लचीला बनाता है। उम्र के साथ अक्सर हमारी मुद्रा बिगड़ सकती है। समय के साथ, हमारी पीठ की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, छाती की मांसपेशियां कड़ी हो जाती हैं और कुछ आदतन मूवमेंट्स से कुछ मांसपेशियों का उपयोग होता है जबकि योगाभ्यास कर, हम छाती को बाहर खींच सकते हैं और पीठ की मांसपेशियों के साथ ही पूरे शरीर को मजबूत कर सकते हैं। इतना ही नहीं, हम खुद भी अपने शरीर और मुद्रा के बारे में अधिक जागरूक होने लगते हैं। समय के साथ हम स्वतः ही सही हो जाते हैं जो हमारे शरीर के एक स्वस्थ संरेखण का निर्माण करता है।

जोड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करता है योग

योग का अभ्यास करते समय, हमारे जॉइंट्स पूरी तरह से मूवमेंट करते हैं, जिससे जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और इससे उन्हें स्थिर करने में मदद मिलती है। जोड़ों के गतिमान होने से उसके भीतर तरल पदार्थ के प्रवाह में सुधार होता है, जो उन्हें चिकनाई मिलती है, जिससे हड्डियों के सुचारू और स्वस्थ मूवमेंट्स में मदद मिलती है और इस तरह जॉइंट्स हेल्दी होते हैं। आपको बता दें कि श्लेष तरल पदार्थ (synovial fluid) संयुक्त उपास्थि को ताजा ऑक्सीजन और पोषक तत्व भी पहुंचाता है, जिससे जोड़ मजबूत होते हैं। इतना ही नहीं गठिया जैसी गंभीर समस्याओं से पीड़ित के लिए भी योग उपयोगी हो सकता है। इससे उनके शारीरिक कार्य में सुधार होने के साथ ही जोड़ों का दर्द भी कम होगा।

योग एक शक्तिशाली सचेतन प्रैक्टिस है

योग का उद्देश्य आपको अपने जकड़े हुए विचारों से बाहर लाना और वर्तमान में जीना है। यह मन, शरीर और सांस को एकजुट करता है। यह एक सिद्ध तथ्य है कि माइंडफुलनेस यानी सचेतन अवस्था  स्वास्थ्य संबंधी कई स्थितियों में लाभ पहुंचाती है। यही नहीं योग खासतौर पर सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में विशेष रूप से प्रभावी है। इसके अलावा माइंडफुलनेस प्रैक्टिस को प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, सामाजिक रिश्तों में सुधार, चिंता, अवसाद और न्यूरोटिकवाद को कम करने के तौर पर भी जाना जाता है।

योग तनाव को कम करता है

योग की शुरुआत करने वाले लोग ज्यादातर अपने लचीलेपन में सुधार करना चाहते हैं और इस कारण वे योग सेशन में शामिल होते हैं। यह उन्हें बार-बार आकर्षित करता रहता है, क्योंकि योग का अभ्यास उन्हें काफी बेहतर महसूस कराता है। हमारी व्यस्त आधुनिक जीवन शैली में योग हमें ध्यान केंद्रित करने, तनाव को कम करने और हमारी मांसपेशियों को आराम करने में मदद करने के एक एंटिडोट के रूप में कार्य करता है।

योग रक्तचाप को कम करता है

उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए दिल का दौरा और स्ट्रोक का जोखिम बहुत अधिक रहता है। बहुत अधिक तनाव उच्च रक्तचाप का एक महत्वपूर्ण कारक है। यह एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है, जिसमें चिकित्सा की आवश्यकता होती है, लेकिन योग का अभ्यास करने से रक्तचाप में सीधे सुधार के बारे में सोचा जाता है। योग की गहरी सांस लेने और विश्राम की तकनीक उच्च रक्तचाप को कम कर सकती है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों के लिए कुछ योग मुद्राएं जैसे शवासन, सपोर्टेड ब्रिज पोज़, लेग्स अप द वॉल पोज़ उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद हैं।

योग करता है स्वस्थ जीवन विकल्प बनाने में मदद

आमतौर पर ऐसा होता है कि हम गलत रास्तों पर चले जाते हैं, क्योंकि हमारा दिमाग स्वस्थ नहीं होता है और हमें विभिन्न मामलों को लेकर तनाव होता है। हमारी बुरी आदतें हमारे योग अभ्यास में हस्तक्षेप नहीं करती हैं लेकिन योग निश्चित रूप से हमारे गलत कार्यों में हस्तक्षेप करेगा। योग के बारे में सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक यह है कि यह हमारे शरीर को क्या चाहिए, बल्कि हमारे शरीर को किसकी जरूरत है, यह समझने में मदद करता है।

यहां एक बात और भी गौर करने वाली है कि योगाभ्यास के दौरान आपकी मानसिक स्थिति पर सही होनी चाहिए। इसके लिए आसन के दौरान आपको शरीर के उस अंग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिसपर उस आसन का प्रभाव ज्यादा पड़ता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से आपको योगा का लाभ ज्यादा मिलता है।

शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रक्रिया को प्रोत्साहित करता है योग

हमारे शरीर में खुद को ठीक करने की अविश्वसनीय क्षमता होती है। योग का अभ्यास करके हम एक ऐसा वातावरण बनाते हैं, जो हमारे शरीर की उपचार शक्ति में वृद्धि करता है। यह आंशिक रूप से हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली पर माइंडफुलनेस यानी सचेतन प्रभाव के कारण होता है, जो हमारे शरीर की किसी भी बीमारी से लड़ने और स्वास्थ्य को बनाए रखने की क्षमता को बढ़ाता है। इतना ही नहीं, योग का मजबूत और लंबा प्रभाव है, जो गतिशीलता और कार्य में सुधार कर सकता है, जिससे हमारे शरीर को शारीरिक चोट से भी उबरने में मदद मिलती है। जब हमारा शरीर मानसिक रूप से शांत होता है, तो हमारे सोने के तरीके में भी सुधार होता है, जिससे बेहतरी महसूस होती है और जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार होता है।

ये हैं विभिन्न योग

अधोमुखश्वानासन, अधोमुखवृक्षासन , आकर्ण धनुरासन, अनन्तासन, आंजनेयासन, अर्धचन्द्रासन, अष्टांग नमस्कार, अष्टावक्रासन, बद्धकोणासन, बकासन, ककासन , बालासन, भैरवासन, अण्कुशासन, भरद्वाजासन, भुजंगासन, भुजपीड़ासन, बिडालासन या मार्जरी आसन , चतुरंग दण्डासन, दंडासन, धनुरासन, दुर्वासासन, गर्भासन, गरुड़ासन, गोमुखासन , गोरक्षासन, हलासन, हनुमानासन, जानुशीर्षासन, कुक्कुटासन, कूर्मासन, मकरासन, मालासन, मंडूकासन, मरीच्यासन, मत्स्यासन, मत्स्येन्द्रासन, मयूरासन, मुक्तासन, नटराजासन, नौकासन, पद्मासन, परिघासन, पार्श्वकोणासन, पार्श्वोत्तनासन, पाशासन, पिन्च मयूरासन, प्रसारित पादोत्तानासन, राजकपोतासन , शलभासन ,सालम्बसर्वाङ्गासन , समकोणासन , शवासन, सर्वांगासन, सेतुबंधासन, सिद्धासन, शीर्षासन,
सुखासन, सुप्त पादांगुष्ठासन, सूर्य नमस्कार, स्वस्तिकसन, सर्वांगासन, ताड़ासन, तितसी आसन या बटरफ्लाई आसन, त्रिकोणासन या उत्थित त्रिकोणासन, त्रिविक्रमासन , तुलासन, उपविष्टकोणासन, ऊर्ध्व धनुरासन या चक्रासन, ऊर्ध्व मुख श्वानासन, उष्ट्रासन, उत्कटासन, उत्तानासन, उत्थित हस्त पादांगुष्ठासन, वज्रासन, वसिष्ठासन, विपरीत दण्डासन, विपरीतकरणि, विपरीत वीरभद्रासन, वीरभद्रासन, वीरभद्रासन, वीरभद्रासन, वीरासन, वृक्षासन, वृश्चिकासन, योगनिद्रासन।

योग के प्रकार

योग के चार प्रकार या यूं कहें मार्ग होते हैं। इनमें राज योग, कर्म योग, ज्ञन योग औऱ भक्ति योग शामिल हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।

राज योग – जैसा की नाम से ही जाहिर होता है राज यानी शाही। ऐसे में योग के इस मार्ग के लिए ध्यान काफी जरूरी है। इसके आठ मार्ग होते हैं औऱ यही कारण है कि योग के जनक महर्षि पतंजलि ने इसका नाम अष्टांग योग रखा।

कर्म योग – कर्म योग ऐसा मार्ग है, जिस रास्ते सभी को जाना होता है। अगर हम इसके प्रति जागरुक हैं तो अपने अच्छे भविष्य के लिए वर्तमान को एक मार्ग के रुप में तैयार कर सकते हैं। अघर हम केवल अपना काम करते हुए निस्वार्थ भाव से जीते हैं और दूसरों की मदद करते हैं, तो वह कर्म योग ही है।
भक्ति योग – यह भक्ति के मार्ग को बताता है। यह भावनाओं पर नियंत्रण पाने का एक बेहतरीन माध्यम है। यह हमें सभी के लिए स्वीकार्यता और सहिष्णुता पैदा करने का अवसर प्रदान करता है।
ज्ञान योग – यह विद्वानों और ऋषियों का मार्ग है। इसे सबसे कठिन माना जाता है। चूंकि इसमें गंभीर अध्ययन की जरूरत होती है, इसलिए यह बौद्धिकता के इच्छुक लोगों को आकर्षित करता है।

निष्कर्ष

योग का महत्व के बारे में हम जानते हैं कि यह शरीर और मन को विकसित करने में मदद करता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि यह दवा का विकल्प है। योग का अभ्यास करते समय उचित और स्वस्थ आहार बनाए रखना भी आवश्यक है। हमारे द्वारा ग्रहण किए गए भोजन का हमारे शरीर पर प्रभाव पड़ता है। आप जो बर्गर और पिज्जा खाते हैं, वह आपके शरीर में केवल फैट के रुप में जमा होता है। इसलिए हेल्दी डायट लेना ज्यादा जरूरी है। हमारी ज़िंदगी ज़िम्मेदारियों से भरी हुई है और व्यस्त कार्यक्रम, लंबे समय तक काम करने आदि के बीच शायद हम खुश रहना भूल जाते हैं। कई बार ऐसे समय भी आते हैं, जब हमारे कार्य जीवन और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना कठिन होता है। हम बिल्कुल भी पता नहीं चलता, लेकिन यह अप्रत्यक्ष रूप से हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। ऐसे में उस स्थिति से बचने के लिए व्यायाम, योग आदि के लिए कुछ समय निकालना आवश्यक है। हमारे जीवन में योग का महत्व यह है कि यह व्यक्ति के मन, शरीर और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद करता है। कुल मिलाकर कहें तो योग करने से कई तरह के लाभ के साथ ही हमारे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। योग हमें जीवन के उद्देश्य औऱ अस्तित्व का अर्थ समझाता है। भले ही यह विधि में सापेक्ष हो सकता है लेकिन उद्देश्य में पूर्ण होता है।

आप यह भी पढ़ना पसंद कर सकते हैं:-

सवासना इतना महत्वपूर्ण क्यों है? अभी यहां पढ़ें।
शलभासन (टिड्डी मुद्रा) – महत्व और लाभ
अर्ध पिंचा मयूरासन – विवरण के साथ एक विशेषज्ञ गाइड

Talk to Online Therapist

View All

Continue With...

Chrome Chrome