दीवाली 2025: लक्ष्मी पूजन से जीवन और करियर में नए आयाम
प्रिय साधक , ब्रह्मांडीय मंच सज गया है और आपकी उपस्थिति की इन्तजार में हैं — दीवाली 2025 का लक्ष्मी पूजन मुहूर्त आपके कार्यजीवन को पूरी तरह से नए आयाम तक पहुँचा सकता है । सही विधि से किया गया पूजन आपके करियर के अवसरों को कई गुना बढ़ा सकता है ।
ध्यान रखें! अगर इसे अनदेखा किया गया , तो ऊर्जात्मक असंतुलन आपकी प्रगति में रोडा बन सकता है । जानिए इस दिव्य रात्रि को अपने करियर के टर्निंग पॉइंट में कैसे बदला जाए ।
दीवाली 2025 की तारीख और लक्ष्मी पूजन मुहूर्त
इस वर्ष सोमवार , 20 अक्टूबर 2025 को दीवाली की अमावस्या की रात धन , कर्म , भाग्य और प्रयास की शक्तियों का संगम लेकर आती है । अधिकतर पंचांगों के अनुसार लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6:48 से 8:20 बजे तक रहेगा । यदि आप अपने कार्य , प्रोजेक्ट्स , प्रमोशन या नए उपक्रमों की नीयत इस समय के भीतर रखते हैं , तो आप लक्ष्मी की कृपा के सर्वोच्च बिंदु को स्पर्श कर सकते हैं ।
यह समय प्रदोष काल का होता है — वह संध्या , जब ब्रह्मांड के द्वार आशीर्वाद के लिए खुलते हैं । मुहूर्त स्थान अनुसार बदल सकता है , अतः अपने स्थानीय पंचांग से अवश्य पुष्टि करें । यह पूजन केवल घरों तक सीमित नहीं — बल्कि ऑफिस , दुकान या कार्यस्थल पर भी किया जा सकता है ।
घर और कार्यस्थल के लिए लक्ष्मी पूजन विधि
सबसे ज़रूरी है श्रद्धा और नियत — पूजन किया जाने वाला पूजन सादगी और समर्पण का होने से भले ही भव्य परंतु औपचारिक पूजन से कहीं अधिक फलदायी होता है । लक्ष्मी पूजन विधि – घर एवं कार्यस्थल हेतु विस्तृत मार्गदर्शिका
1. शुद्धिकरण एवं तैयारी पूजा आरंभ करने से पहले अपने घर या ऑफिस की पूर्ण सफाई करें । डेस्क , पूजा स्थान या वेदी को व्यवस्थित करें ।
2. वेदी की स्थापना लाल वस्त्र बिछाएँ । उस पर माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र रखें । एक कलश में जल , आम के पत्ते और नारियल रखें । साथ में चावल , सिक्के और फूल अर्पित करें ।
3. आह्वान आवाहन धूप-बत्ती जलाएँ , घंटी बजाएँ और विनम्रता से देवी-देवताओं को आमंत्रित करैं ।
4. नैवेद्य अर्पण फूल , मिठाई , मेवे , नारियल , और हल्दी-कुंकुम मिश्रित अक्षत अर्पित करैं ।
5. मंत्र-जप एवं ध्यान श्रद्धापूर्वक मंत्रों का जप करें “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” “ॐ गं गणपतये नमः” इनका उच्चारण आपके काम की जीवित्तता को देवत्व के साथ जोड़ता है ।
6. आरती एवं दीपदान घी के दीपक या कपूर से आरती करें । दीयों की ज्योति को देवी-देवताओं के सामने गोल घुमाएँ।
7. प्रसाद वितरण पूजन के बाद प्रसाद को परिवार , सहयोगियों या कर्मचारियों में वितरित करें — यही असली शुभता का फैलाव है ।
8. समापन एवं ध्यान कुछ क्षण शांति से बैठें , आँखें बंद करें और उस दिव्यता को भीतर उतरने दें ।
गणेशा की विशेष सलाह, आशीर्वचन और प्रेरणा
गणेशा की विशेष सलाह: मुख्य पूजन के बाद अपने कार्य से जुड़े उपकरण जैसे , पेन , लैपटॉप , बिजनेस कार्ड या रजिस्टर वेदी के पास रखना और “लक्ष्मी वंदना” का पाठ करना । कल्पना कीजिये कि वह वस्तु स्वर्ण प्रकाश से दमक रही है — यह आपके कार्य-ऊर्जा को ऊँचा उठाता है और साधारण काम को दैवी समर्थन से जोड़ देता है ।
गणेशाजी के आशीर्वचन: अपने ऑफिस या वॉर्कप्लेस को दीपक और रंगोली से गार्निश करें , जिससे सकारात्मक ऊर्जा पूरे place पर फैले । इस रात अतिरिक्त दीपक जलाना न भूलें — यह सूक्ष्म सुरक्षा कवच की तरह काम करता है । यदि आप कोई नया प्रोजेक्ट या व्यापार शुरू कर रहे हैं , तो उसका पहला कदम इसी मुहूर्त में रखें । टीम के साथ छोटी सी सामूहिक पूजा अवश्य करें — क्योंकि एकता में ही लक्ष्मी का वास है ।
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