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महाशिवरात्रि 2024 (mahashivratri 2024) की खास पूजा विधि और राशि के अनुसार उपाय

mahashivratri 2022 की पूजा विधि और राशि के अनुसार उपाय जानिए

देवों के देव महादेव की उपासना का पर्व महाशिवरात्रि 2024 (Mahashivratri 2024) धार्मिक परंपराओं में काफी महत्व रखता है। इस दिन महादेव की पूजा अर्चना की जाती है और कैलाशपति भोले भंडारी को प्रसन्न करने के लिए उनके अनन्य भक्त कई तरह के उपाय करते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि (mahashivratri 2024) का यह पवित्र त्योहार मनाया जाता है। हालांकि, दक्षिण भारतीय पंचांग (अमावस्यान्त पंचांग) में यह तिथि माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ती है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से यह दोनों ही तिथि एक ही दिन पड़ती है। इस दिन महादेव यानी भगवान शिव की पूजा वैदिक रिति रिवाजों और पूरे विधि-विधान से करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है, ऐसा माना जाता है।

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कब है महाशिवरात्रि 2024 (mahashivratri 2024 kab hai)

महा शिवरात्रि पर्व तिथि – 8 मार्च 2024, दिन- शुक्रवार
निशिता काल पूजा समय – 00:18 से 01:07, मार्च 09
निशिता काल पूजा अवधि – 00 घण्टे 49 मिनट्स
महाशिवरात्रि पारण समय – 8 मार्च को 06:47 से 15:40

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – 18:38 से 21:40
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – 21:40 से 00:42, मार्च 09
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 00:42 से 03:45, मार्च 09
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 03:45 से 06:47, मार्च 09

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – मार्च 08, 2024 को 21:27 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त – मार्च 09, 2024 को 17:47 बजे

(इस महाशिवरात्रि पर खास पढ़िए, रुद्राभिषेक पूजा का क्या है महत्व, किस तरह के दोषों को दूर करके मनोकामना पूर्ण करती है भगवान शिव रुद्राभिषेक पूजा)

महाशिवरात्रि (mahashivratri 2024) का महत्व

महाशिवरात्रि 2024 (mahashivratri 2024) का पर्व शिव (Lord Shiva) और शक्ति के मिलन का प्रतीक है, इसीलिए इसे भारतीय परंपराओं में सबसे महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। उत्तर भारतीय पञ्चाङ्ग के अनुसार, फाल्गुन माह में आने वाली मासिक शिवरात्रि को महाशिवरात्रि (mahashivratri) के रूप में मनाया जाता है। जबकि, दक्षिण भारतीय पञ्चाङ्ग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि (mahashivratri) का त्यौहार मनाया जाता है। दोनों ही पञ्चाङ्ग में सिर्फ माह के नामकर का अंतर है, दोनों ही पञ्चाङ्ग के अनुसार महाशिवरात्रि (mahashivratri) का त्योहर एक ही दिन पड़ता है। महाशिवरात्रि का पर्व आध्यात्मिक पथ पर चलने वाले लोगों के लिए बहुत महत्व रखता है। इसे लेकर कई तरह की मान्यताएं है। पारिवारिक जीवन वाले लोग इसे शिव (Lord Shiva) पार्वती के विवाह के रूप में, तो सांसारिक महत्वाकांक्षाओं वाले लोग इसे शत्रुओं पर शिव की विजय के रूप में मनाते हैं। वहीं साधकों के हिसाब से इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) कैलाश पर्वत के साथ एकात्म हो गए थे। वे एक पर्वत की भांति स्थिर व निश्चल हो गए थे। योगिक पद्धति में शिव (Lord Shiva) को किसी देवता की तरह नहीं बल्कि, एक आदि गुरु के रूप में पूजा जाता है।

महाशिवरात्रि (mahashivratri) पूजा की व्रत विधि

महादेव को खुश करने के लिए आपको उनकी पूजा वैदिक पद्धति से ही करना चाहिए। अगर पूजा में किसी तरह की भूलचूक हुई, तो इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। हम आपको पूजा के लिए कुछ टिप्स दे रहे हैं, इसके आधार पर अगर आप शिव को प्रसन्न करेंगें, तो आप पर शिव (Lord Shiva) की आसीम कृपा बरस सकती है। इस साल महाशिवरात्रि 2024 (mahashivratri 2024) पर आप इस विधि से कर सकते हैं भगवान शिव की पूजा –

  • महाशिवरात्रि के एक दिन पहले यानी त्रयोदशी को भक्त केवल एक ही समय भोजन करें।
  • महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान से निवृत्त होकर देवाधिदेव का स्मरण करना चाहिए, और व्रत का संकल्प करना चाहिए।
  • इसके बाद दिनभर बिना कुछ खाएं व्रत का पालन करना चाहिए, हालांकि आप फल खा सकते हैं।
  • महाशिवरात्रि के दिन सन्ध्याकाल के समय भी स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान शिव के मंदिर में जाकर या फिर घर पर ही उनकी पूजा करनी चाहिए।
  • शिवरात्रि की पूजा रात के समय शुभ मुहूर्त पर ही करना चाहिए। इसके बाद अगले दिन स्नानादि के बाद ही व्रत खोलना चाहिए।
  • सूर्योदय और चतुर्दशी तिथि समाप्ति के मध्य अगर आप उपवास तोड़ते हैं, तो इससे व्रत का संपूर्ण लाभ आपको मिलेगा। हालांकि कई जगहों पर इस बात का भी उल्लेख हैं, कि चतुर्दशी तिथि के समाप्त होने से पहले पूजा और पारण(व्रत तोड़ने की विधि) कर लेना चाहिए।
  • महाशिवरात्रि पर शिव (lord shiva) की पूजा एक बार या फिर आठों पहर की जा सकती है। लेकिन, ध्यान रखें ऊपर दी गए पूजा मुहूर्त के हिसाब से ही पूजा संपन्न करें और अपने 2024 को सफल बनाएं।

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महाशिवरत्रि (mahashivratri) के व्रत में क्या खाएं

महाशिवरात्रि 2024 (mahashivratri 2024) 8 मार्च शुक्रवार को आएगा। इस दिन बहुत से लोग व्रत रखते हैं। व्रत के दौरान आप अनार या संतरे का जूस पी सकते हैं। डिहाइड्रेशन की समस्या से निजात पाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीते रहें। इसके अलावा मखाने और मूंगफली को घी में फ्राई कर, उसमें सेंधा नमक डालकर ग्रहण कर सकते हैं और गाज या लौकी की खीर भी खा सकते हैं। अत्यधिक भूख सताने पर कुछ फल खा सकते हैं।

महाशिवरात्रि(mahashivratri) के दिन क्या न खाएं

महाशिवरात्रि 2024 (mahashivratri 2024) का व्रत देवाधिदेव महादेव को समर्पित हैं। इस लिए आपको इस दिन मांसाहार और भारी भोजन करने से बचना चाहिए। इस दिन व्रती को प्याज और लहसुन युक्त भोजन नहीं करना चाहिए। चाय का भी सेवन कम हीं करें। व्रत के दौराण इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप साधारण नमक का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें। इसकी जगह आप सेंधा नमक डालें। इसके अलावा शराब का सेवन करना भी पापकर्म के समान होगा।

(महाशिवरात्रि 2024 (mahashivratri 2024) से संबंधित किसी भी तरह के प्रश्न के लिए आप हमारे वैदिक आचार्यों से संपर्क कर सकते हैं। बात करने के लिए यहां क्लिक करें…)

महाशिवरात्रि (mahashivratri 2024) पर मंत्र सिद्धि

महाशिवरात्रि के इस पर्व पर महादेव को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रों का जाप करना बेहद लाभदायक होता है। महाशिवरात्रि 2024 (mahashivratri 2024) पर शिवलिंग के सामने बैठकर महामृत्युंजय मंत्र जाप करना चाहिए, इससे डर और सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती है। लगातार इस मंत्र का जाप करने से मन भी शांत रहता है।

mahashivratri 2024 पर महामृत्युंजय मंत्र

ऊँ त्र्यंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्द्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बंधनात, मृत्योर्मुक्षिय मामृतात्।।

भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करने के लिए सबसे लाभकारी मंत्र है महामृत्युंजय मंत्र। वैदों और पुराणों में वर्णित कथाओं के अनुसार असाध्य रोगों से छुटकारा पाने और अकाल मृत्यु से बचने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र का सवा लाख बार निरंतर जप करने से व्यक्ति के जीवन की सारी बाधाएं दूर हो जाती है। इसके अलावा आप इस सिद्धि मंत्र का भी जाप कर सकते हैं, यह भी आपके लिए लाभदायक साबित होगा।

ॐ वामदेवाय नमो, ज्येष्ठाय नम: श्रेष्ठाय नमो, रुद्राय नम: कालाय नम:।
कलविकर्णाय नमो बल विकर्णाय नमो बलाय नमो बल प्रमथनाय नम:।
सर्व भूत दमनाय नमों मन्नोनमाय नम:।

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इस साल महाशिवरात्रि 2024 पर राशि के हिसाब से कैसें करें शिव अभिषेक

मेष

इस राशि के जातकों को जल में गुलाल से शंकर जी का विशेष अभिषेक करना चाहिए। साथ ही शिवरात्रि के पावन पर्व पर ॐ सोमनाथाय नम: का जाप करना चाहिए।

वृषभ

दूध से शिवजी का अभिषेक करना वृषभ राशि के जातकों के लिए बहुत अच्छा होगा। साथ ही ॐ नागेश्वराय नमः मंत्र का जाप भी करें।

मिथुन

इस राशि के जातकों को गन्ने के रस से देवाधिदेव का अभिषेक करते हुए ॐ प्रवराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।

कर्क

पंचामृत से शिवजी का अभिषेक करना कर्क राशि के लोगों के लिए बेहद लाभदायक होगा और महादेव के मंत्र नम: शिवाय के साथ प्रभवे नम: मंत्र का जाप करें।

सिंह

सिंह राशि के जातक शहद से भगवान शिव (Lord Shiva) का अभिषेक करते हुए ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।

कन्या

इस साल महाशिवरात्रि (Mahashvratri 2024) के जातकों का शिव का रुद्राभिषेक शुद्ध जल से करना चाहिए और साथ ही शिव चालीसा का पाठ करना बेहद लाभकारी होता है।

तुला

दही से शिवजी का अभिषेक करना तुला राशि के जातकों के लिए शुभ होगा। इसके साथ ही तुला राशि के लोगों को शिवाष्टक का पाठ करना होगा।

वृश्चिक

वृश्चिक राशि के जातकों को दूध और घी से शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। साथ ही ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप श्रेष्ठ रहेगा।

धनु

महाशिवरात्रि के दिन धनु राशि वालों को दूध से शिवजी का रुद्राभिषेक करना चाहिए और ॐ सर्वात्मने नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।

मकर

इस राशि के जातकों को अनार के रस से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए और शिवसहस्ररनाम का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होगा।

कुम्भ

कुंभ राशि के जातक महाशिवरात्रि पर शिव (Lord Shiva) का अभिषेक दूध, दही, शक्कर, घी, शहद सभी से अलग-अलग करें और ॐ शिवाय नमः मंत्र का जाप करें।

मीन

इस राशि के जातकों को शिव का रुद्राभिषेक ऋतुफल(जो मौसम का खास फल हो) के रस से करते हुए ॐ स्थिराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।

शिव की पूजा के दौरान शिव का अभिषेक एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। शिव की कोई भी पूजा अभिषेक के बिना अधूरी रहती है। अभिषेक में रूद्राभिषेक का सबसे ज्यादा महत्व है। अगर आप शिवरात्रि के दिन शिव का रुद्राभिषेक कराना चाहते हैं, तो यहां क्लिक करें….

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