झेन (ज़ेन) मेडिटेशन आपके लिए कैसे काम करेगा और आपकी अवचेतन अवस्था को कैसे प्रभावित करेगा

Blog title

झेन मेडिटेशन क्या है

zen meditation (ज़ेन मेडिटेशन) zazen (ज़ज़ेन) से निकला एक शब्द है। यह आपके अवचेतन मन को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है। यह एक बौद्धिक तकनीक है। लोग zazen (ज़ज़ेन) तकनीक का उपयोग अपनी प्रकृति को समझने में करते हैं। ज़ेन ध्यान का मुख्य उद्देश्य बैठना एक जगह बैठे रहना। किसी समस्या के लिए आए निर्णय को भूल जाना और मन में उठ रहे विचारों और कल्पना को दूर करना झेन या ज़ेन ध्यान का एक हिस्सा हो सकता है। झेन या ज़ेन ध्यान का तरीका किसी विचार पर लगातार नहीं सोचने जैसी धारणा बनाना है। यह इस तरह से है कि आप अपने मस्तिष्क को एक आदेश देते हैं कि कोई विचार किस तरह हटाना है। इस स्थिति में आप अपने मन को अच्छे विचार लाने के लिए भी कह सकते हैं।

ज़ेन ध्यान करने पर क्या होता है

ज़ेन मेडिटेशन एक तरह का अपने दिमाग के बंद स्टेट को खोलने का एक तरीका है। यहां आप खुद के दिमाग को मॉनिटर करते हैं। यहां आप अपने दिमाग की निगरानी भी करते हैं। इस तरह की निगरानी एक दिन में नहीं आती है। इसके लिए ध्यान को सहज तरीके से करने की लंबी प्रैक्टिस की जरूरत होती है। यह किसी एक विचार या वस्तु के लिए ही सीमित नहीं होता है। इस ध्यान के जरिए विचारों की एक बड़ी श्रृंखला को नियंत्रित किया जा सकता है। 

झेन या ज़ेन मेडिटेशन के जरिए हम अवचेतन मन में अच्छी बातें भेजने का प्रयास करते हैं, लेकिन इस ध्यान को करते समय चेतन मस्तिष्क के विचारों नियंत्रित करने की जरूरत होती है। यह एक तरह की माइंडफुलनेस तकनीक पर आधारित है, लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है कि  झेन या ज़ेन मेडिटेशन में हम अपने विचारों के प्रति जागरूक होते हैं। 

जिस तरह मंत्र मेडिटेशन में हम मंत्रों का लगातार जाप करते हैं और प्रेम, दयालुता जैसे ध्यान करते समय हम अपनी भावनाओं को उसी तरह से मोड़ लेते हैं। यहां  ज़ेन मेडिटेशन में हमें इस बात का ध्यान रखना होता है कि यह हमारे पूरे शरीर और मस्तिष्क  के प्रति हमें जागरूकता की भावना से भर देता है। यदि कोई नकारात्मक विचार आपको परेशान कर रहा है, तो आपको ध्यान करते समय इस विचार के प्रति जागरूक होना पड़ेगा, हमें इसे हटाने की जरूरत होगी। ज़ेन ध्यान में हमारी कोशिश इस विचार को हटाने की होगी और इसकी जगह अवचेतन मन को बार-बार किसी अच्छे विचार के बारे में याद दिलाना होगा।

कई बार ज़ेन ध्यान में आंखें आधी खुली रखी जाती है, जबकि ध्यान के दूसरे तरीके आंखों को पूरी तरह बंद करके किया जा सकता है। ज़ेन ध्यान के विशेषज्ञ इस तरह से ध्यान करने में हमारी मदद करते हैं। दरअसल इसका यह भी उद्देश्य भी होता है कि शरीर पर चल रही हलचल को देखकर भी आप अपने मस्तिष्क को इंस्ट्रक्ट कर सकते हैं। ज़ेन विशेषज्ञ कई बार किसी सकारात्मक या नकारात्मक विचारों को हटाकर मस्तिष्क को खाली रखने पर भी जोर देते हैं।

समय से साथ ध्यान करने वाले को यह पता चलता है कि कैसे हम मस्तिष्क में आ रहे विचारों के भटकाव से बच सकते हैं। इस तरह का ध्यान हमें हमारे अवचेतन मन या मस्तिष्क में सकारात्मक सोच बनाने में मदद करता है। इस तरह का ध्यान हमारे लिए फायदेमंद है।

ज़ेन मेडिटेशन के फायदे

ज़ेन मेडिटेशन के कई फायदे हैं। इसे शारीरिक, बौद्धिक,सामाजिक, मोरल और इमोशनल बेनिफिट्स के रूप में देखा जा सकता है। मेडिटेशन एक बहुत अच्छा स्ट्रेस रिलीवर है। यदि ज़ेन मेडिटेशन के फायदे देखें, तो यह अपने आप में अनूठा है। इस ध्यान के जरिए हम अपने अवचेतन मन पर सीधा असर डालते हैं। इसका असर धीरे-धीरे और बाद में पता चलता है। जब अवचेतन मन पूरी तरह से सकारात्मक परिणामों से भर जाता है, तो जिंदगी की सारी परेशानियां चली जाती है। यहीं नहीं व्यक्ति अपना बड़ा से बड़ा गोल भी आसानी से प्राप्त कर लेता है।

ज़ेन मेडिटेशन कैसे करें

– सभी तरह के ध्यान के लिए सही तरीके से बैठना बेहद जरूरी है। हमें ज़ेन मेडिटेशन के लिए पद्मासन में बैठना चाहिए। कभी-कभी अर्धपद्मासन की स्थिति में बैठा जा सकता है। यदि आप पद्मासन में बैठने में असमर्थ हैं, तो आप कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं।

– ध्यान करने से पहले शांत जगह का चुनाव होना चाहिए। 

– आपका सिर भी बहुत आरामदायक मुद्रा में होना चाहिए। गर्दन और सिर भी एक रेखा में हो, हालांकि यहां ज्यादा तनाव ना हो।

– अब आप सांसों पर ध्यान लाएं। पहले सांस लें और फिर सांस छोड़ें।

– किसी भी तरह के विचारों पर नियंत्रण लगाने की कोशिश ना करें।

– बस ध्यान केवल अपनी अपनी सांस पर रखें।

– इस दौरान आप आंखें बंद या खुली भी रख सकते हैं।

ज़ेन मेडिटेशन का हमारे मस्तिष्क पर प्रभाव

बहुत सालों से वैैज्ञानिक मेडिटेशन के हमारे मस्तिष्क पर प्रभाव के बारे में खोज कर रहे हैं। ज़ेन मेडिटेशन हमेशा से विशेषज्ञों की चर्चा का केंद्र रहा है कि कैसे ज़ेन मेडिटेशन आप और हम पर असर डालता है। इस समय हमारी सबसे बड़ी कमजोरी अचानक से खुद पर नियंत्रण खो देना है। 2008 में वैज्ञानिकों ने रिसर्च किया, इस रिसर्च में उन लोगों को चुना गया, जो ज़ेन मेडिटेशन की प्रैक्टिस कर रहे हैं। इस रिसर्च में यह प्रूव हुआ कि जो लोग ज़ेन मेडिटेशन की प्रैक्टिस कर रहे थे, वे ज्यादा फोकस्ड दिखे। इस एक्सपेरिमेंट में उन्हें एक कम्प्यूटर स्क्रीन पर चलते कुछ रेंडम वर्ड दिखाए गए। इसमें से एक वर्ड चुनना था। इस चुनाव के तुरंत बाद उन्हें फिर से सांसों पर ध्यान देना था। जो लोग पिछले कुछ सालों से झेन (ज़ेन) मेडिटेशन का अभ्यास कर रहे थे। उन्हें अपना ध्यान फिर से सांसों पर लगाने में कोई दिक्कत नहीं हुई। बाकी लोग स्क्रीन पर दिख रहे रेंडम वर्ड में उलझने लगे। इसके बाद वैज्ञानिकों ने कहा कि झेन (ज़ेन) मेडिटेशन की तकनीक  हमें ज्यादा फोकस्ड बनाती है।

ज़ेन मेडिटेशन का अवचेतन मन पर प्रभाव

ज़ेन मेडिटेशन को लेकर अक्सर विशेषज्ञों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या ज़ेन मेडिटेशन की यह तकनीक हमारे मस्तिष्क पर असर डालती है। हमारा चेतन मन एक समय में एक ही चीज पर प्रभाव डाल सकता है। यदि बात करें तो हमारा अवचेतन मन मल्टी टास्किंग हो सकता है। यह हमें और क्रिएटिव होने में मदद करता है। 2012 में अवचेतन मन की इसी क्रिया का अध्ययन करने के लिए एक रिसर्च किया गया। इस रिसर्च में वैज्ञानिक यह जानना चाहते थे कि अवचेतन मन पर जेन मेडिटेशन का किस तरह असर होता है। इसके लिए रिसर्चर ने दो ग्रुप बनाए। एक ग्रुप को कुछ देर मेडिटेशन करने के लिए कहा गया। एक अन्य ग्रुप को दूसरी एक्टिविटी दी गई। दूसरे ग्रुप के लोगों में एक तनाव देखा गया। इसी रिसर्च की अगली कड़ी में दोनों ग्रुप से कुछ सवाल पूछे गए। जिन लोगों ने ध्यान किया था, उन सवालों के जवाब बहुत ही आसानी से दिए। यही नहीं, पूरे सवालों के सेशन के दौरान वे बहुत शांत और गंभीर दिखाई दिए। वहीं दूसरे लोगों के ज्यादातर जवाब गलत थे। इस टेस्ट की सबसे बड़ी शर्त थी, सवालों के जवाब महज कुछ सेकंड्स में देना। इन सेकंड्स के फासले को मेडिटेशन करने वाले लोग बहुत गंभीरता से पूरा कर पाएं। इस पूरे रिसर्च ने यह साबित किया कि मेडिटेशन का हमारे मस्तिष्क पर गहरा असर होता है। यह हमारे चेतन और अवचेतन मन पर प्रकाश डालता है।

ज़ेन मेडिटेशन कैसे सीखें

जेन मेडिटेशन सीखने की कई तकनीक हो सकती है। किसी ऑडियो प्रोग्राम, ऑनलाइन वीडियो, किसी बुक या किसी विशेषज्ञ से ट्रेनिंग लेकर जेन मेडिटेशन सीखा जा सकता है। ये सारे कार्यक्रम एक सप्ताह से लेकर एक महीने तक चल सकते हैं। चीन में बहुत से बौद्ध संत (मोंक) इस तरह के ध्यान करने के मास्टर होते हैं। वे जेन मेडिटेशन की नई तकनीक जानते हैं। भारत में ध्यान के कई प्रकार है। बौद्ध धर्म से जुड़े कई लोग जेन मेडिटेशन की तकनीक में माहिर होते हैं। ऐसे में इंटरनेट या किसी अन्य माध्यम से इसकी तलाश करके जेन मेडिटेशन सीखा जा सकता है।

क्या जेन मेडिटेशन आपके लिए काम करेगा?

जब ऑनलाइन ध्यान सीखने की बात होती है, तो अक्सर लोग झेन(ज़ेन) मेडिटेशन की तकनीक पर शंका करते हैं कि क्या इसे बिना गुरु के सीखा जा सकता है। ध्यान की किसी भी तकनीक को सीखने के लिए जरूरी है कि आप इसे सही तकनीक से करें, बस केवल अपने मन को खराब किए बिना और किसी रुकावट के बिना इसे लगातार प्रैक्टिस करें। बहुत से लोग माइंडफुलनेस मेडिटेशन और मंत्र मेडिटेशन को बहुत अच्छा मानते हैं। हालांकि यह पूरी तरह से किसी व्यक्ति के परसेप्शन पर डिपेंड करता है कि वह किस ध्यान तकनीक से खुद को रिलेक्स रख पाता है। जेन मेडिटेशन से लेकर अन्य सभी तकनीक आपको शांत बनाए रखने के साथ ही फोकस्ड बनाए रखने में मदद करती है।

जेन मेडिटेशन ध्यान- निष्कर्ष

किसी भी तरह के ध्यान को करने के लिए जरूरी है कि आप सावधानी से आगे बढ़ें। आप किसी लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ें। हम रोजाना के जीवन में खुद को जेन मेडिटेशन करने के लिए अनुकूलित कर सकते हैं। यह बौद्ध तकनीक हमारे अंधकार जीवन को एक रोशनी से भर सकती है। खास बात यह है कि इसके जरिए हम अपने अवचेतन मन को एक लक्ष्य दे सकते हैं। कह सकते हैं कि मानव मन अनिवार्य रूप से अनियमित, सुलभ, जीवंत और सहज है। हम ज़ज़ेन के जरिए मन को साधते हैं और यह सीखते हैं कि वास्तव में हम कौन हैं, और दुनिया का अनुभव करना चाहते हैं।

Continue With...

Chrome Chrome