२८ अक्तूबर २०१४, निफ़्टी भविष्यवाणी

Market Predictions

  • विक्रम संवत २०७१ के लिए राशि भविष्य
    वृश्चिक राशि
  • मंत्र :-
  • शशधरे हि सरीसृपगे नरो नृपदरोदरजातधनक्षयः ।
    कालिरुचिविबलः खलमानस कृशमनाः शमनापहतो भवेत् ।।
  • अर्थ :-वृश्चिक राशि स्थित चंद्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति बहुत भावुक और गर्म दिमाग वाले होते हैं। कहा जाता था के यह धन नष्ट करने वाला, कपटी, कमजोर मन का, निर्णयशक्ति के अभाव वाला और अशांत मन वाला होते हैं।
  • विक्रम संवत 2071 – एक नज़र:- आपकी चंद्र राशि के भाग्य स्थान से गुरू महाराज का परिभ्रमण हो रहा है एवं शनि की आप पर साढ़े साती चल रही है, जिसका दूसरा चरण शुरू हो रहा है। इसके कारण आपको स्वास्थ्य संबंधी शिकायत रह सकती है एवं मानसिक संताप भी भोगना पड़ सकता है। हालांकि, गणेशजी आपको बता रहे हैं कि चुनौती से पार पाने के लिए आपको दृढ़ता से आगे बढ़ना होगा। जो दंपति संतान की इच्छा रखते हैं, उनको मेडिकल उपचार के साथ आगे बढ़ना चाहिए। पांचवें गृह में केतु का पारगमन अशुभ है, इसलिए हो सकते तो शिवजी की पूजा को जारी रखें। छात्र वर्ग के लिए थोड़ा सा कठिन समय कह सकते हैं।
  • आर्थिक तथा व्यवसाय :- आर्थिक तथा व्यवसाय संबंधित मामलों के लिए यह वर्ष नकारात्मक नजर नहीं आ रहा है, इसलिए आप राहत की सांस ले सकते हैं। गणेशजी कह रहे हैं कि इस समय व्यवासाय विस्तार के लिए आपको नये उत्पाद बाजार में उतारने चाहिए एवं नये कार्यालय खोलने चाहिए। हालांकि, गणेशजी की एक अन्य सलाह है कि जैसे ही आपका कारोबार गति पकड़ना शुरू करे, तो किसी भी प्रकार के दुस्साहस से बचें। इस समय आपको उधार धन लेने से बचना चाहिए, अन्यथा आप लाभ से वंचित रह सकते हैं।
  • स्वास्थ्य :- गणेशजी आपके स्वास्थ्य को लेकर परेशान हैं, क्योंकि अगले ढ़ाई वर्ष तक गोचर का शनि आपको प्रभावित करेगा। आपको हड्डी या पसली से संबंधी रोग होने की संभावना बहुत अधिक है। जो जातक वृद्घ हैं, उनको घुटनों संबंधी तकलीफ हो सकती है। इस समय आपको श्री हनुमानजी एवं शनि देव महाराज की पूजा करनी चाहिए, जिनकी कृपा दृष्टि पड़ने से बहुत सारी समस्याएं हल हो सकती हैं।
  • प्रेम तथा वैवाहिक जीवन :- यह वर्ष प्रेम संबंधों एवं वैवाहिक जीवन के लिए अधिक उत्साह जनक नजर नहीं आ रहा है। हालांकि, गणेशजी आपको एक अन्य बात कहना चाहते हैं कि घबराएं न क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की जन्म कुंडली अलग होती है एवं उसके मौजूद ग्रहों का प्रभाव भी अलग रहता है। आपके प्रेम स्थान से पारगमन करता केतु आपको अच्छे फल प्रदान नहीं करेगा एवं विवाह के साथ से गुजर रहा है शनि भी आपको परेशान करेगा।
  • करियर तथा शिक्षा :- छात्र वर्ग के लिए भी समय अनुकूल नहीं है क्योंकि केतु जैसा अशुभ ग्रह अभ्यास के स्थान से परिभ्रमण कर रहा है। इसके कारण आपका ध्यान भंग हो सकता है एवं आप विचलित महसूस करेंगे। इस वर्ष आपके इम्तिहानों के नतीजे प्रभावित हो सकते हैं। गणेशजी आपको डरा नहीं, बल्कि सचेत कर रहे हैं, ताकि आप पहले से ही आने वाली चुनौतियों के लिए स्वयं को तैयार कर पाएं। यदि इस समय आप अनुशासित होने का प्रयास करते हैं तो हो सकता है कि आपको उतनी दिक्कत न आए, जितनी दिखायी पड़ रही है।
  • उपाय :- मंगल आपका स्वामित्व ग्रह होने के कारण आपको हनुमानजी की उपासना, सुन्दरकाण्ड का पाठ, हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  • कर्ज से मुक्ति के लिए ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
  • मंगलवार का व्रत करें।
  • गाय को गुड़ और मसूर की दाल खिलाएं।
  • स्फटिक माला से हर रोज़ 108 बार ॐ श्रीं श्रीये नम: का जाप करें।
  • मंगल के मंत्र का जाप करें –
  • II धरणीगर्भ संभूतं विद्युत्कांति समप्रभ
    कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलम् प्रणम्यामहम् II

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गणेशजी के आशीर्वाद के साथ,
श्री धर्मेश जोशी
गणेशास्पीक्स दल
9909941816

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