क्या है धनिया, क्या है आयुर्वेद में इसके फायदे

धनिया (Coriander) का उपयोग मुख्य रूप से सब्जी के मसाले तथा औषधि के रूप में किया जाता है। धनिया (Dhaniya) के बीज तथा इसकी हरी पत्तियां इस्तेमाल के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। धनिया की प्राप्ति फसलों से होती है। इसे प्राप्त करने के लिए बाकायदा इसकी खेती की जाती है। खेत में उगने के बाद इसकी पत्तियां चौड़ी तथा खुशबूदार हो जाती है। इसकी खुशबू आसपास के जगहों को सुगंधित कर देती है। इसकी महक लोगों को काफी पसंद आती है। धनिए की फसल पक जाने के बाद छोटे-छोटे दाने की तरह भूरे रंग के बीज निकलते हैं। इसके बीज के कई तरह के स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा धनिया के बीज मधुमेह और गठिया के रोग में लाभ (Benefits) पहुंचाते हैं।

धनिया क्या है?

धनिए की फसल खेतों में उगाई जाती है। फसल के पक जाने के पश्चात इसमें से छोटे छोटे दाने के रूप में बीज मिलते हैं। इसी को धनिया कहा जाता है। दूसरी और इसके बीज के उगने के बाद इसमें से खुशबूदार पत्तियां निकलती है। जिसे धनिया पत्ती कहा जाता है। आमतौर पर लोग धनिया के बीज तथा इसकी पत्तियां दोनों ही अपने भोजन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। हालांकि लोग भले ही इसे रोजाना की तरह इस्तेमाल होने वाली खाद्य पदार्थ समझते हैं, लेकि इसके चमत्कारी व गुणकारी गुणों से कई लोग अनजान होते हैं, लेकिन वास्तविकता में इसमें कई चमत्कारी गुण मौजूद हैं, जो जड़ी बूटी के रूप में होते हैं। इसकी बनी औषधि स्वास्थ्य लाभ के लिए काफी फायदेमंद होती है।

धनिए का इस्तेमाल देशभर के घरों में होता है। इसे कई तरह के व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है। लगभग खाने की हर चीज में इसका इस्तेमाल किया जाता है। फिर चाहे इसका इस्तेमाल स्वाद के लिए हो या डिश को सजाने के लिए। इसकी हरी पत्तियां तो कमाल की होती हैं। इससे बनी चटनी शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे पसंद नहीं होगा। बता दें कि धनिए का इस्तेमाल भोजन में फ्लेवर डालने और गार्निश करने के लिए किया जाता है। सब्जी के मसालों, सब्जी में सजावट से लेकर सलाद में भी इसकी पत्तियों का इस्तेमाल खूब किया जाता है। इसमें सेहत को फायदा पहुंचाने वाले कई गुण मौजूद होते है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में काफी लाभ पहुंचाता है। इसके हरे कच्चे पत्तों में विटामिन ए, विटामिन सी और अन्य कई विटामिन के गुण पाए जाते हैं। इसके अलावे इसके बीज में फाइबर, कैल्शियम, कॉपर और आयरन की मात्रा पाई जाती है।

धनिया से लाभ

अक्सर चिकित्सक धनिया के इस्तेमाल की सलाह कई बीमारियों व परेशानियों में देते है। इनमें खसरा, बवासीर, दांत दर्द, जोड़ों के दर्द के साथ-साथ बैक्टीरिया और फंगस के कारण होने वाले संक्रमण के इलाज शामिल हैं। इसके अलावा धनिए का इस्तेमाल महिलाएं अपने स्तन में दूध के प्रवाह को बढ़ाने के लिए करती हैं। इसके उपयोग से महिलाओं में स्तनपान के लिए दूध की मात्रा बढ़ जाती है। इसके अलावे भी कई चीजों में इसका उपयोग किया जाता है।

वर्तमान समय में धनिया का उपयोग औषधि और तम्बाकू में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके अलावे साबुन तथा ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी इसका उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग इन चीजों में खुशबू को बढ़ाने के लिए की जाती है। धनिए के बीज का उपयोग इसके पत्ते से कहीं ज्यादा होता है, क्योंकि इसके बीज को अच्छे तरीके से भंडारण कर इस्तेमाल के लिए रख सकते हैं।

इसके बीज का रोजाना इस्तेमाल करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही चेहरे पर एक अलग प्रकार की चमक दिखाई देने लगती है। इसके साथ सौंफ के साथ खाने पर इसका गुण और बढ़ जाता है। इसके इस्तेमाल से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। इसके अलावे पेट से संबंधित कई परेशानियों जैसे अपच, कब्ज आदि में लाभदायक होता है। जो व्यक्ति पथरी की समस्या से पीड़ित होते हैं, अगर वे प्रतिदिन धनिया पत्ती के पानी का इस्तेमाल करें तो निश्चित ही उनकी इस समस्या में आराम मिलेगा। इस तरीके से इस्तेमाल करने से उनकी पथरी गलकर पेशाब के रास्ते बाहर आ जाती है। इसके अलावा भी कई लाभ हैं। यह व्यक्ति में नाक से खून आने की समस्या को दूर करता है। आमतौर पर यह व्यक्ति में नकसीर की समस्या को ठीक करता है। इसके उपयोग के लिए हरी धनिया की पत्तियां को पीस कर उसके रस को थोड़ी मात्रा में कपूर मिलाकर दो से तीन बूंद रस को नाक में डालने से नाक से खून निकलने की समस्या से राहत मिलती है। हालांकि इस उपचार के दौरान नाक से खून निकलने पर सिर को आगे की ओर कर लेना चाहिए। ताकि अधिक खून का स्राव न हो पाएं।

इसके उपयोग से खांसी तथा अस्थमा में भी राहत मिलती है। इसके अलावे यह व्यक्ति में भूख बढ़ाने की क्षमता बढ़ाती है। धनिया के बीज नमक और नींबू के साथ इस्तेमाल करने पर भूख जल्दी लगने लगती है। धनिया में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट गुण शरीर में इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने में मदद करता है।

इससे शरीर में सूजन और जलन की समस्या में लाभ मिलता है। कोलेस्ट्रॉल से लेकर हृदय रोग में भी धनिया लाभ पहुंचाता है। धनिया में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट तथा एंटी इंफ्लेमेटरी गुण काफी महत्वपूर्ण होता है। साथ ही इसमें एंटी लिपिड तथा एंटी डायबेटिक तत्व मौजूद होता है। जिससे शरीर में इम्युनिटी बढ़ने के साथ स्वास्थ होता है।

धनिया से स्वास्थ्य लाभ

धनिया में मौजूद गुणकारी तत्व ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है। इसमें शरीर के भीतर (Health effects) रोगाणुओं को नष्ट करने की क्षमता होती है। इसका उपयोग पूरी दुनिया में कई प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है। धनिया के पत्ते, बीज और तेल आपकी थाली में पौष्टिक आहार का अनुभव कराते हैं। इसमें काफी सुगंध होती है, जो व्यंजन को स्वादिष्ट बनाने के साथ खुशबूदार बनाने का काम करता है। धनिया को नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करने पर कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं।

विभिन्न त्वचा रोगों के इलाज में लाभदायक

धनिया में मौजूद एंटीसेप्टिक, एंटिफंगल, डिटॉक्सिंग और एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव आपकी त्वचा को बैक्टीरिया के संक्रमण, त्वचा की सूखापन और एक्जिमा से बचाता है। दूसरी ओर धनिया के बीज में रोगाणुरोधी क्षमता होती है। धनिए के सेवन करने से इसका असर चेहरे की त्वचा पर होता है और त्वचा चमकदार हो जाती है।

मुंह के छालों को ठीक करता है

धनिए के तेल में एक मुख्य घटक के रूप में सिट्रोनेलल नामक एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक होता है, जो मुंह के छालों को ठीक करने में मदद करता है। रोगाणुरोधी गुणों के साथ इसमें अन्य कई तत्व होते हैं, जो घाव और मुंह के अल्सर को ठीक करने में मदद करता है। इसके खाने से मुंह के सांसों में दुर्गंध की समस्या दूर होती है।

हड्डियों को मजबूत बनाता है

धनिए में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में काफी फायदेमंद होता है। हड्डियों को मजबूत बनाने और ऑस्टियोपोरोसिस के बचाव के लिए कैल्शियम आवश्यक है। ऐसे में अपने भोजन में धनिए की हल्की मात्रा का उपयोग करना हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है। धनिया की पत्तियों में भी कैल्शियम पाया जाता है, इसलिए खाने में इसका उपयोग जरूर करना चाहिए।

आंखों की रोशनी में लाभदायक

धनिए में मौजूद विटामिन ए, विटामिन सी तथा अन्य पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट आंखों के दर्द तथा तनाव को दूर करने में लाभ पहुंचाता है। इसकी पत्तियों में बीटा-कैरोटीन भी होता है, जो विशेष रूप से बुजुर्गों में कई प्रकार के नेत्र विकारों को ठीक करने में मदद करता है।

मधुमेह को नियंत्रित करता है

धनिया शरीर में मौजूद महत्वपूर्ण हार्मोन को उत्तेजित करने का काम करता है। इसकी सहायता से अग्नायाशय अधिक इंसुलिन उत्पन्न करता है। साथ ही इससे इंसुलिन की मात्रा बढ़ती है। यह मधुमेह रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से रक्त शर्करा (Blood sugar) के स्तर को कम करता है।

आँखों के लिए है सबसे अच्छा उपाय

धनिया का उपयोग आंखों से संबंधित रोग को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता है, क्योंकि इसमें कीटाणुनाशक और रोगाणुरोधी (Antimicrobial) तत्व आंखों में होने वाले संक्रमण बचाने में मदद करता है। दूसरी ओर धनिया तेल का उपयोग विभिन्न प्रकार के नेत्र सौंदर्य प्रसाधन बनाने के लिए किया जाता है।

चेचक का इलाज करता है

धनिया में मौजूद तेल में एंटीऑक्सिडेंट, संक्रमण विरोधी और रोगाणुरोधी गुण होता है। इसमें विटामिन सी और आयरन भी शामिल होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में सहायता करता है। शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली के मजबूत होने से शरीर को बीमार होने से बचाता है। धनिया एक बेहतर प्रतिरक्षा प्रणाली के विकास में सहायता करता है, जो आपको चेचक से बचाता है। विटामिन सी में उच्च खाद्य पदार्थ चेचक के उपचार और इलाज में सहायता करता है।

त्वचा की सूजन को कम करता है

धनिया में पाए जाने वाले 11 सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में लिनोलेनिक एसिड शामिल है। ये रासायनिक उत्पाद स्वाभाविक रूप से एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों और संक्रमणों से बचाता है। ये तत्व सूजन को होने से रोकता है।  सूजन हो जाने पर उसे ठीक भी करता है।

धनिया के बीज के फायदे

स्वास्थ्य लाभ में धनिया के बीज धनिया के पत्तों से ज्यादा लाभदायक (Benefits) सिद्ध होता है। धनिए के बीजों में आवश्यक तेल होते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने में किया जाता है। इसके अलावा धनिए के बीज आपकी रसोई में एक आवश्यक मसाला है। साथ ही इसका औषधीय महत्व भी काफी होता है। धनिया के बीज खाने से आपको कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।

चिकनी और चमकदार त्वचा: धनिया के बीज का उपयोग त्वचा रोगों जैसे एग्जिमा, शुष्क त्वचा, खुजली, मुंहासे, चकत्ते और मुंह के छालों के इलाज के लिए किया जा सकता है।

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है: धनिया के बीज में मौजूद एक यौगिक नॉर्मडिन तत्व पाया जाता है, जो पाचन को नियंत्रित करता है। जिसके फलस्वरूप कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित होता है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार यह पाचन और वसा के अवशोषण में सहायता करता है।

सर्दी और खांसी का इलाज: धनिया के बीज में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होती है। यह एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट के रूप में शरीर को स्वस्थ्य और त्वचा को सुरक्षित रखता है। साथ ही यह तत्व सर्दी और खांसी के उपचार में भी सहायता करता है।

अच्छे पाचन में सहायक: धनिया के बीज में मौजूद फाइबर और एंटीबायोटिक लीवर (Liver Problem) के सुचारू रूप से काम करने और नियमित मल त्याग में सहायता करता है। अगर आप गैस्ट्राइटिस की समस्या से जूझ रहे हैं, तो अपने आहार में धनिया के बीजों का इस्तेमाल अवश्य करें।

बालों की ग्रोथ में मदद करता है: धनिया के बीज में मौजूद गुणकारी तत्व बालों के विकास में मदद करता है। तनावग्रस्त होने की स्थिति में बालों के झड़ने की समस्या आम होती है। धनिया का सेवन बालों के विकास को भी बढ़ावा देता है।

डायबिटीज को नियंत्रण में रखता है: धनिया का बीज ब्लड शुगर (Blood sugar) के स्तर को स्थिर रखकर मधुमेह को नियंत्रित करने का काम करता है।

धनिया के बीज के दुष्प्रभाव प्रभाव

आमतौर पर धनिया का बीज बहुत ही उपयोगी होता है। इसलिए दुष्परिणाम (Side effects) बहुत कम ही देखने को व सुनने को मिलता है। हालांकि, ज्यादातर लोग इस बात से अनजान होते हैं कि धनिया के बीज के भी नकारात्मक परिणाम (Health effects) हो सकते हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।

पेट की समस्याएं

धनिया (Dhaniya) के बीज का अधिक सेवन करने से समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसलिए इसे संतुलित मात्रा में ही इस्तेमाल करना चाहिए। अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट से जुड़ी समस्या (Gastrointestinal issues) परेशान कर सकती हैं। धनिया के बीज में तेल होता है, जो आम तौर पर यकृत विकारों के इलाज में प्रभावी होते हैं। इसे लंबे समय तक तथा ज्यादा मात्रा में उपयोग करने से समस्या उत्पन्न हो सकती है।

एलर्जी

धनिया का बीज एलर्जी की समस्या भी बढ़ा सकता है। त्वचा की समस्या, सांस की तकलीफ, गले की सूजन, चक्कर आना समेत अन्य लक्षण भी पैदा हो सकते हैं। अगर इस तरह की समस्या हो रही हो तो चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

स्तनपान और गर्भावस्था

आमतौर पर धनिया के बीज के इस्तेमाल से गर्भवती तथा स्तनपान (Breastfeeding) कराने वाली महिलाओं को समस्या पैदा हो सकती है। हालांकि इससे होने वाले दुष्प्रभावों (Side effects) के बारे में महिलाओं को अवश्य पता होना चाहिए। धनिये के बीजों का उपयोग करते समय गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को संयम रखना चाहिए, क्योंकि इसका ग्रंथि स्राव पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे मां और भ्रूण और प्रजनन ग्रंथियां में समस्या बढ़ सकती है।

सांस लेने में समस्या

लंबे समय तक धनिया के बीजों का सेवन करने से सांस की समस्या होने के साथ-साथ सीने में दर्द, गले में सूखापन और गले में दर्द की समस्या भी हो सकती है। यदि आपको इनमें से कोई भी समस्या है। तो आप तुरंत चिकित्सक से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

त्वचा संबंधी समस्याएं

धनिया के बीज का उपयोग ज्यादा और लंबे समय तक करने के बाद से बहुत से लोग त्वचा से जुड़ी परेशानी का अनुभव कर सकते हैं। इनमें सूजन, बेचैनी, त्वचा का काला पड़ना आदि शामिल है। इस स्थिति में व्यक्ति को चिकित्सक से परामर्श लेने की जरूरत पड़ेगी। साथ ही इसका उपयोग बंद कर देना चाहिए।

पेट की बीमारी (Gastrointestinal issues)

धनिया के बीज अधिक मात्रा में इस्तेमाल से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या पैदा हो सकती है। जिसके फलस्वरूप दस्त, पेट में दर्द, भूख न लगना, डिहाइड्रेशन आदि की समस्या बढ़ सकती है।

धनिए का सेवन कैसे करें

आमतौर पर लोग धनिए का उपयोग अपने अनुसार करते हैं। हालांकि इसका उपयोग कई तरह से खाने में किया जा सकता है। धनिए को अपने आहार में शामिल करने के तीन सबसे मुख्य तरीके है।

धनिया पत्ती का पेस्ट

सबसे पहले हरे धनिए की पत्तों को पीसकर पेस्ट बना सकते हैं। इसके स्वाद के लिए उसमें नींबू का रस तथा स्वादानुसार नमक को मिला दें। इसके बाद इसे आसानी से नास्ते या भोजन में शामिल कर उपयोग कर सकते हैं।

धनिए के बीज का तेल

धनिया के बीज का तेल काफी फायदेमंद होता है। अगर घर में धनिया का तेल निकालने का साधन नहीं हो तो आप धनिया के बीज का तेल बाजार से खरीद सकते हैं। फिर इस तेल को अपने सिर पर लगाएं। यह काफी फायदेमंद होता है। साथ ही इस तेल के साथ नारियल या जैतून के तेल को मिलाकर त्वचा पर मालिश करने से त्वचा को लाभ मिलता है।

धनिए की चाय

धनिया की चाय बनाने के लिए सबसे पहले आधा चम्मच धनिओ के बीज 2 कप उबलते पानी में मिलाएं। उबल जाने के बाद इसे छान लें। फिर इसका चाय के रूप में इसका इस्तेमाल करें। ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

निष्कर्ष

आमतौर पर धनिया के इस्तेमाल के लाभ ही लाभ हैं। इसके दुष्परिणाम काफी कम देखने व सुनने को मिलते हैं। बावजूद इसके कुछ स्थिति में इसके अधिक उपयोग से परेशानी बढ़ जाती है। त्वचा में जलन, एलर्जी जैसी समस्या पैदा हो जाती है। धनिया जरूर खाएं, लेकिन अति ना करें।

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