रोजाना आंवला खाने के फायदे
आपने शायद पहले भी यह सुना ही होगा कि “कड़वा बेहतर होता है”। क्या हमारे बुजुर्ग ऐसा नहीं कहते थे? आंवला निर्मल हरा फल है, जिसका नाम संस्कृत शब्द “अमलकी” से आया है, जिसका अर्थ है “जीवन का अमृत”, जिसे “भारतीय करौदा” भी कहा जाता है। आंवला भारत में अपने कई स्वास्थ्य लाभों और कई तरह की बीमारियों के इलाज की क्षमता के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार आंवला हमारे शरीर में कफ, वात और पित्त नामक तीन दोषों को संतुलित करता है, जिससे कई बीमारियां जड़ से दूर हो जाती हैं। अपने इन्हीं गुणों की वजह से आंवला को सुपरफूड भी कहा जाता है। आंवला भारत, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में मूल रूप से पाया जाने वाला पेड़ है। हजारों वर्षों से आंवले का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है।
आज भी दवा बनाने के लिए इस फल का प्रयोग खूब किया जाता है। आंवले का इस्तेमाल उच्च कोलेस्ट्रॉल व रक्त में वसा के स्तर (डिस्लिपिडेमिया), और सीने में जलन की पुरानी तकलीफ को दूर करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग दस्त, मतली और कैंसर के इलाज के लिए भी किया जाता है, लेकिन इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई ठोस क्लिनिकल सबूत नहीं है।
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एक दिन में कितने आंवले खाने चाहिए?
हम सभी जानते हैं कि आंवला सेहत के लिए अच्छा होता है, लेकिन सवाल यह है कि इसका कौन सा अवयव इस फल को इतना गुणकारी बनाता है? आंवले के पोषण संबंधी तथ्य हर देश में अलग-अलग हैं और भारत के संदर्भ में यहां इस खट्टे और गुणकारी फल के पोषक तत्व जानिए-
सोडियम 1.5 मिलीग्राम
पोटैशियम 297 मिलीग्राम
कुल कार्बोहाइड्रेट 15 मिलीग्राम
कुल वसा 0.9 मिलीग्राम
प्रोटीन 1.3 ग्राम
आहारीय रेशा 6.5 ग्राम
रोजाना आंवला खाने से क्या होता है?
इस कड़वे मीठे आंवले के बहुत सारे फायदे हैं। आंवला को सीधे तौर पर लेने या फिर जूस या कैंडी के रूप में लेकर इन फायदों से लाभान्वित हुआ जा सकता है। आइए जानते हैं आंवले का सेवन करने से होने वाले कुछ फायदों के बारे में, ये इस प्रकार हैं:
आंवले का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि इसे कच्चा खाया जाए। यदि आपको मीठा खाने की तलब लगती है, तो जब भी आपको भूख लगे तब नाश्ते के लिए कुछ सूखी आंवला कैंडी हाथ में रखें। यह आपको स्वाद में समझौता किए बगैर बहुत सारे लाभ देगा और बीमारियां दूर करेगा। आंवले का सेवन आपकी आंखों और मस्तिष्क के लिए भी अच्छा होता है।
विटामिन सी का स्रोत : इस फल का सुस्वाद, तीखा-मीठा स्वाद इसे एक आदर्श शीतकालीन नाश्ता बनाता है। यह विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है और विटामिन सी की खुराक के विपरीत शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित कर लिया जाता है। सूखे आंवले को और भी स्वादिष्ट बनाने के लिए इसे शहद के साथ मिलाकर लें।
बालों के लिए आंवला पाउडर: आंवला बालों की सबसे गुणकारी जड़ी-बूटियों में से एक है। यह बालों के लिए एक प्राकृतिक कंडीशनर के रूप में काम करता है, यह बालों के लिए सुरक्षित है और इससे बाल चमकदार भी होते हैं। यह उम्र बढऩे की प्रक्रिया को धीमा करने में भी मदद करता है। आंवला बालों के रोम को मजबूत करके और खोपड़ी में रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर बालों के विकास को बढ़ावा देता है। आंवला तेल या आंवला पाउडर को मेहंदी में मिलाकर बालों में लगाएं।
दमकती हुई रंगत के लिए आंवला: पारंपरिक भारतीय चिकित्सा के अनुसार यह चमत्कारी फल उम्र के असर को रोकने में सबसे ज्यादा कारागर है। नियमित रूप से आंवला खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करता है और दमकता हुआ रंग प्रदान करने के अलावा, रक्त शर्करा और लिपिड को नियंत्रित करता है। मुरब्बा, अचार, या कैंडी के रूप में इसका सेवन करें, लेकिन इसे सीमित मात्रा में लेना ही ठीक रहता है।
संतरे के मुकाबले में आंवले में विटामिन सी का आठ गुना पाया जाता है, एक अकाई बेरी की एंटीऑक्सीडेंट शक्ति का दोगुना और अनार की एंटीऑक्सीडेंट शक्ति का सत्रह गुना होता है आंवले में। इसी वजह से हमें इस बात को लेकर कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए कि आंवला को सुपरफूड कहा जाता है। आंवला की उच्च विटामिन सी सामग्री रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने के साथ ही चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को भी बढ़ावा देती है। यह वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के साथ-साथ कैंसर और हृदय रोग जैसी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं में फायदेमंद है।
आंवला पाउडर वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों के साथ-साथ सामान्य सर्दी से लडऩे के दौरान शरीर को लाभ पहुंचाता है, क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का एक बड़ा स्रोत है। दिन में तीन से चार बार आंवला के चूर्ण को शहद में मिलाकर सेवन करने से सर्दी-खांसी में आराम मिलता है। आंवला श्वसन पथ से लार को साफ करता है और परेशान वायुमार्ग को शांत करने में भी मदद कर सकता है। नतीजतन आंवला का उपयोग ब्रोंकाइटिस, खांसी और अन्य श्वसन रोगों के इलाज के लिए किया जाता है।
आंवले के कई फायदों में से एक यह भी है कि इसमें विटामिन सी होता है, जो रक्त वाहिकाओं को मजबूत और मोटा करता है। आंवला एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर को प्रभावी ढंग से डिटॉक्सीफाई करता है। जब आंवला पाउडर को एक चम्मच शहद या गुड़ के साथ मिलाकर नियमित रूप से लिया जाता है तो यह एक प्राकृतिक रक्त शोधक के रूप में कार्य कर सकता है और हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ा सकता है।
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आंवला खाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
आंवला पौष्टिक खाद्य है, जिसमें किसी भी फल या सब्जी की तुलना में सबसे अधिक विटामिन सी होता है। यह एक डिटॉक्सिफायर के रूप में भी काम करता है और प्रतिरक्षा के विकास में सहायता करता है। आंवला अच्छे स्वास्थ्य का भंडार है और आयुर्वेदिक चिकित्सा में सबसे आवश्यक खाद्य पदार्थों में से एक है। इसमें एक अकाए बैरी की एंटीऑक्सीडेंट शक्ति का लगभग दोगुना और अनार की एंटीऑक्सीडेंट शक्ति का 17 गुना पाया जाता है। यह कम कीमत वाला चमत्कारी फल आपको सर्दी में स्वस्थ रहने में मदद करेगा। आंवला उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन के स्तर, “स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल” (एचडीएल) को प्रभावित किए बिना, ट्राइग्लिसराइड्स नामक फैटी एसिड सहित कुल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं।
सर्दी- खांसी में राहत : आंवला में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है, जो गले की खराश और सर्दी को ठीक करने में मदद करता है। एक कटोरी में 2 चम्मच आंवला पाउडर और 2 चम्मच शहद मिलाएं। तुरंत राहत के लिए इसे दिन में तीन से चार बार लें।
कब्ज से राहत दिलाता है आंवला: आंवला में उच्च फाइबर होता है, जिससे कब्ज की समस्याएं कम होती हैं।
छालों का उपचार : आंवला मुंह के छालों के उपचार में भी सहायता करता है। आंवले को तरल रूप में लेकर आप इसका इस्तेमाल मुंह के छालों के इलाज में भी कर सकते हैं। आधा कप आंवले के रस में आधा कप पानी मिलाएं, गरारे करें। आप इस पानी को पी भी सकते हैं।
वजन घटाने में मदद करता है: क्या आप वजन कम करने के लिए बहुत प्रयास कर रहे हैं? जान लें कि आंवला मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और पाचन में मदद करता है, इसलिए इसे अपने आहार में इस्तेमाल करने के बहुत सारे फायदे हैं। यह वजन कम करने में आपकी मदद करेगा।
गठिया दर्द में राहत: आंवला का इंफ्लेमटरी गुण गठिया से संबंधित दर्द को कम करने में सहायता करता है। सूखे आंवले को नाश्ते के रूप में खाया जा सकता है या ताजा और कच्चा भी खाया जा सकता है। दोनों अद्भुत काम करते हैं।
आंवला के दुष्प्रभाव क्या हैं?
जब आंवला को खाद्य पदार्थों में निहित मात्रा में खाया जाता है, तो ज्यादातर लोगों के लिए आंवला सुरक्षित ही होता है। दवा के रूप में 1,000 मिलीग्राम प्रतिदिन तक की खुराक अल्पावधि के लिए ली जाती है, तो आंवला संभवत: सभी के लिए सुरक्षित होता है। आयुर्वेदिक योगों में आंवले का संबंध लीवर की क्षति से है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि आंवले को अपने आप लेने से समान प्रभाव पड़ेगा।
चेतावनी और विशेष सावधानियां
यह जानने के लिए पर्याप्त सटीक जानकारी नहीं है कि गर्भवती या स्तनपान के दौरान आंवला दवा के रूप में उपयोग करने के लिए सुरक्षित है या नहीं। सुरक्षित पक्ष पर रहने के लिए अपने इसका सेवन सीमित करें।
रक्तस्राव विकार: कुछ लोगों में आंवले से रक्तस्राव या चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है। यदि आपको रक्तस्राव की स्थिति है, तो सावधानी के साथ आंवले का प्रयोग करें।
मधुमेह: आंवला, रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को आपकी मधुमेह की दवाएं बदलने की आवश्यकता हो सकती है।
जिगर की बीमारी : सिद्धांत रूप में, अदरक, टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया और भारतीय लोबान के साथ भारतीय आंवले का संयोजन उन लोगों में जिगर की बीमारी को बढ़ा सकता है, जो पहले से ही इससे जूझ रहे हैं। हालांकि, यह अज्ञात है कि अकेले आंवले लेने से ये परिणाम मिलेंगे।
रक्तस्राव का जोखिम : सर्जरी के दौरान और बाद में, आंवला रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकता है। निर्धारित सर्जरी से कम से कम दो सप्ताह पहले आंवले का सेवन बंद कर दें।
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